चंडीगढ़/मुंबई: 01 जून:– आरके विक्रमा /अनिल शारदा/ करण शर्मा/ राजेश पठानिया/ अरुण कौशिक:— बाॅलीवुड के भाईजान सलमान खान को लेकर हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि सलमान खान की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो उनकी पर्सनल सिक्योरिटी के अलावा पुलिस ने भी सलमान के घर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है ताकि किसी तरह की अनहोनी को पहले ही रोका जा सके। ये सब पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसे वाला की हत्या के बाद हुआ।
दरअसल, 29 मई की शाम30 राउड फायरिंग कर सिद्धू मूसे वाला के शरीर को छलनी कर दिया गया। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग और कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली।
इस मर्डर केस को लेकर लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ भी शुरू हो गई है। लॉरेंस बिश्नोई वहीं गैंगस्टर है जो 2018 में सलमान खान को मारने की खुली धमकी दे चुका है। ऐसे में जब ये गिरोह फिर से एक्टिव है तो सलमान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो।
लॉरेंस बिश्नोई ने साल 2018 में सलमान खान को मारने की धमकी दी थी। इसी साल उनके दोस्त संपत नेहरा ने सलमान के घर की रेकी भी की थी। दबंग खान को निशाना बनाने पूरी प्लानिंग हो चुकी थी। ध्यान देने वाली बात ये है कि सलमान खान का काला हिरण शिकार मामले को लेकर आज भी केस जारी है। इस पर फैसला आना अभी बाकी है।
इसी मामले को लेकर लॉरेंस बिश्नोई ने सलमान खान को जोधपुर में मारने की धमकी दी थी क्योंकि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई समाज से है, वे लोग काले हिरण को पवित्र जानवर मानते हैं इसलिए सलमान के काले हिरण का शिकार करने पर वो नाराज हुआ था। फिल्म रेडी की शूटिंग के बाद गैंगस्टर ने सलमान खान पर अटैक का प्लान बनाया था. जो कि फेल रहा था। इसकी वजह थी लॉरेंस बिश्नोई को तब सलमान की हत्या के लिए मनपसंद हथियार नहीं मिला था!!
कहते हैं कि बदमाशी के दिन चार शराफत के दिन हजार गुंडागर्दी करने से पहले सोच लो बारंबार अल्फा न्यूज़ इंडिया की है पंक्तियां अपने आप को आज के माहौल में सार्थक कर रही हैं गैंगवार सिरोही सिर चढ़कर बोल रही है वर्दियां दागदार हो रही है रिश्ते तार-तार हो रहे हैं राजनीति सब पर हावी है राजनीति कब क्या मोहरा चल रही है यह बहुत बाद में धुंधला सा सामने आ पाता है पंजाब के जाने-माने चंद सालों में ही देसी विदेशी युवाओं के दिलों पर राज करने वाले सुखदीप सिंह सिद्दू मूसे वाला को जौहरपुर में तकरीबन ढाई दर्जन गोलियां सीने में उतारकर शहीद कर दिया गया क्योंकि वह एक सूरमा था जिसने हमेशा गरीबों की पुकार की कद्र की और उनकी मदद की है आज समाज सेवा सही वास्तव में सही मायने में चुनौती भरा मैदान है करो तो मरो ना करो तो मरो यह सच्चाई है मुझसे वाले की हत्या कलाकारी की हत्या है राजनीति की हत्या है पुरानी रंजिश का ठीकरा फोड़ा जा रहा है गैंगवार सामने आ रही है कानून की वैशाखी ऊपर चहल कदमी देखने को मिली है अपनी अपनी जिम्मेदारियों से सबने बचते हुए एक दूसरे के सिर पर यह ठीकरा कत्ल का थोड़ा है कन्नूर कितना लचर है कोई व्यक्ति जेल से किसी दूसरे अपने चमचे गैंगस्टर को किसी का कत्ल करने की फोन पर हुकमनामा सुना रहा है लेकिन कोई भी है नहीं सुन पा रहा कि जेल में मोबाइल कैसे पहुंचे आखिर कौन है इन सब गुनाहों का मददगार और कानून की नजर में मददगार के लिए सही सजा क्या है और यह मददगार संतरी से लेकर कोई मंत्री भी हो सकता है दबी जुबान में हर कोई मुझसे वाले के कत्ल को राजनीति की रंजिश कलाकारों के बीच प्रतिस्पर्धा और बड़े आकाओं के छोटे का गांव की कब कंपाती ओकात का दर्पण है यह सब कुछ देश का यानी लोकतंत्र का चौथा स्तंभ इसमें कितना अंदर तक भागीदारी बन चुका है यह सर्वविदित होते हुए भी कुछ भी किसी को ज्ञान नहीं है और यही कड़वी सच्चाई है अपने अंदर सच्चाई यों का जखीरा लिए हुए पड़ी है।