चंडीगढ़ /लखनऊ ; 4 जून ; आरके विक्रमा शर्मा /मोनिका शर्मा ;—यूपी में योगी की सरकार में मीडिया कर्मी की ही हिफाजत सरकार और पुलिस के लिए लोहे के चने चबाने माक़िफ़ हो चुकी है फिर ऐसे हालातों में यूपी की जनता बहु बेटियां बुजुर्ग किस के सहारे सुरक्षित हैं ??? यूपी में अभी एटा जनपद में रमाशंकर कठेरिया की प्रेवर्त का बहिष्कार किया ! यूपी में मीडिया को दूर रखने की कवायद अब किसी से छुपी नहीं है ! कोर्ट ने मीडिया कर्मियों को भीड़ का हिस्सा नहीं माना ये कबीले जिक्र और सराहनीय कदम है ! पर साथ ही प्रशासन और सियासतदान मीडिया को देखना तक गवारा नहीं करते हैं ! यूपी में वाक्य ही प्रेस की आजादी अपाहिज हो रही है और योगी जी को खबर तक नहीं ! अभी आज फिर मीडिया कर्मी को वाहन से रौंदने में असफल रहे कार चालक व्यक्ति पर कानून की टेढ़ी नजर पड़ती या झुकती देखना बाकि है ! उक्त कार यूपी में रजिस्टर्ड है और नंबर है यूपी 32 डी एल 3000 ! लखनऊ यूपी आरटीओ से कादिर अहमद के नाम पंजीकृत और इंडिका डीजल टुबो मेक्स एलएमवी कार [डीजल] है आरसी की एक्सपायरी डेट 21 नवंबर 2015 एमवी टेक्स अपटू एनए रिकॉर्ड में दर्ज है ! कादरी अहमद के नाम रजिस्टर्ड गाड़ी के चालक ने महिला पत्रकार [इलेक्टॉनिक्स ] मीडिया पर उस वक़्त गाड़ी की ठेड मारनी चाही जब वह उनसे किसी विषय में विशेष सवाल करने उनकी तरफ बढ़ी ! यहीं नहीं कुटिल मुस्कारहट के साथ बोले जाओ जाओ गाड़ी का नंबर नोट करलो ! जब बार बार पत्रकार ने उक्त शहजादे का नाम पूछने की कोशिश की तो वह शिष्टाचार से अनजान खुद की धौंस जमाते हुए गाड़ी के रजिस्टर्ड नंबर नोट करने की बात कह कर फर्राटे से गाड़ी भगा ले गया ! जी हाँ! योगी जी लाख कोशिश करें कि यूपी से गुंडाराज दूर करेंगे अम्न शांति और सुरक्षा का वातावरण स्थापत करेंगे पर ये शहजादे सब न जाने किस की शाह पर जनता तो दूर अब तो खुलेआम मीडिया महिला कर्मियों को भी रौंदने तक की सरेआम जुर्रत करते देखे जा रहे हैं ! क्या यूपी प्रदेश के डीजीपी साहब इस मार्फत कुछ एक्शन लेंगे या शहजादे के पर कतरने की बजाए उल्टा महिला पत्रकार को ही कोई नसीहत देने की कवायद पर अमल केंगे ! चारों और मीडिया समाज में ही नहीं बल्कि सियासी दलों ने भी उक्त शर्मिंदा करने वाली करतूत की निंदा की है और करनी भी जारी रखे हुए हैं !