शुद्ध स्वस्थ शाकाहार छोड़ बन गये हैं मांसाहार भक्षी हम से बेहतर हैं जानवर और पक्षी

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चंडीगढ़: 5 अप्रैल:- हरीश शर्मा /करण शर्मा+ अनिल शारदा प्रस्तुति:— भौतिकवादी संसार में आधुनिकता की अंधी दौड़ में हार व्यवस्था हर परंपरा और हरकतें कानून परिवर्तन की ओर बहुत तेजी से अग्रसर है। खानपान के हिसाब से हम पश्चिमी देशों से भी पिछड़े हुए हो चुके हैं। खानपान की नकल ने हमारा भौतिक चक्कर ही पूरी तरह से प्रभावित कर डाला है। हमें कब क्या कितनी मात्रा में किस तरह खाना चाहिए। यह हम सब कुछ पुरानी पीढ़ियों की देन को भूल चुके हैं। तो आइए जानते हैं कि क्या चीज खाने से परेशानी आएगी और क्या चीज खाकर भी परेशानी जाएगी।

👉🏻दूध ना पचे तो ~ सोंफ ,

👉🏻दही ना पचे तो ~ सोंठ,

👉🏻छाछ ना पचे तो ~जीरा व काली मिर्च

👉🏻अरबी व मूली ना पचे तो ~ अजवायन

👉🏻कड़ी ना पचे तो ~ कड़ी पत्ता,

👉🏻तैल, घी, ना पचे तो ~ कलौंजी…

👉🏻पनीर ना पचे तो ~ भुना जीरा,

👉🏻भोजन ना पचे तो ~ गर्म जल

👉🏻केला ना पचे तो ~ इलायची

👉🏻ख़रबूज़ा ना पचे तो ~ मिश्री का उपयोग करें…

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है।

2. लकवा – सोडियम की कमी के कारण होता है ।

3. हाई वी पी में – स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे ।

4. लो बी पी – सेंधा नमक डालकर पानी पीयें ।

5. कूबड़ निकलना- फास्फोरस की कमी ।

6. कफ – फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है । गुड व शहद खाएं

7. दमा, अस्थमा – सल्फर की कमी ।

8. सिजेरियन आपरेशन – आयरन , कैल्शियम की कमी ।

9. सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें ।

10. अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें ।

11. जम्भाई- शरीर में आक्सीजन की कमी ।

12. जुकाम – जो प्रातः काल जूस पीते हैं वो उस में काला नमक व अदरक डालकर पियें ।

13. ताम्बे का पानी – प्रातः खड़े होकर नंगे पाँव पानी ना पियें ।

14. किडनी – भूलकर भी खड़े होकर गिलास का पानी ना पिये ।

15. गिलास एक रेखीय होता है तथा इसका सर्फेसटेन्स अधिक होता है । गिलास अंग्रेजो ( पुर्तगाल) की सभ्यता से आयी है अतः लोटे का पानी पियें, लोटे का कम सर्फेसटेन्स होता है ।

16. अस्थमा , मधुमेह , कैंसर से गहरे रंग की वनस्पतियाँ बचाती हैं ।

17. वास्तु के अनुसार जिस घर में जितना खुला स्थान होगा उस घर के लोगों का दिमाग व हृदय भी उतना ही खुला होगा ।

18. परम्परायें वहीँ विकसित होगीं जहाँ जलवायु के अनुसार व्यवस्थायें विकसित होगीं ।

19. पथरी – अर्जुन की छाल से पथरी की समस्यायें ना के बराबर है ।

20. RO का पानी कभी ना पियें यह गुणवत्ता को स्थिर नहीं रखता । कुएँ का पानी पियें । बारिस का पानी सबसे अच्छा , पानी की सफाई के लिए सहिजन की फली सबसे बेहतर है ।

21. सोकर उठते समय हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का स्वर चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

22. पेट के बल सोने से हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है ।

23. भोजन के लिए पूर्व दिशा.

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