भारतीय पंचांग पद्धति धरती पर सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों में सर्वोच्च, सर्वोत्तम व सर्वोपरि है:- पंडित रामकृष्ण शर्मा

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चंडीगढ़:- 2 अप्रैल:–आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/ अनिल शारदा+ राजेश पठानिया प्रस्तुति:— आज विदेशों में भारतीय धर्म और संस्कृति और पुरातन सभ्यता का परंपरागत डंका बज रहा है। वहां के लोग पूरी शिद्दत के साथ भारतीय परंपराओं, व्रत व तीज त्योहार आदि का धर्म वत  समागमों का अपने वहां व्यापक स्तर पर व्यापक सफलता के लिए जीवन के लक्ष्य को पाने के लिए अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, भारत में यही सब अपना मूल खो रहे हैं। भारतीय पंचांग, भारतीय अंक गणना व भारतीय विज्ञान पूरी सृष्टि का मार्गदर्शन करते हैं। आज पाश्चात्य प्रचलनों का भारतीय युवा पीढ़ी अंधाधुंध अनुकरण कर रही है। और अपनी जड़ों को खोखला करते हुए खुद भी खोखली नकारा नाकाम साबित हो रही है। भारतीय पंचांग पद्धति धरती पर पुरातन काल से आज तक सबसे समृद्ध सर्वश्रेष्ठ सर्वोत्तम और सर्वप्रिय सर्वमान्य पद्धति है। यह धर्म बात विचार कर्मभूमि कुरुक्षेत्र स्थित श्री गीता धाम के परम पूजनीय पुंज श्री 1008 ब्रह्मलीन गीतानंद जी भिक्षु महाराज के प्रिय शिष्य पंडित रामकृष्ण शर्मा ने अल्फा न्यूज़ इंडिया से व्यक्त किए हैं।

🙏जब बच्चा पैदा होता है तो पंडित जी द्वारा उसका नामकरण कैलेंडर से नहीं

हिन्दू पंचांग से किया जाता है । 🙏

🙏ग्रहदोष भी हिन्दू पंचाग से देखे जाते हैं और विवाह,जन्मकुंडली आदि का मिलान भी हिन्दू पंचाग से ही होता है ।

सभी व्रत, त्यौहार हिन्दू पंचाग से आते हैं। 🙏

🙏मरने के बाद तेरहवाँ भी हिन्दू पंचाग^ से ही देखा जाता है।

मकान का उद्घाटन,

जन्मपत्री, स्वास्थ्य रोग और अन्य सभी समस्याओं का निराकरण भी

हिन्दू कैलेंडर {पंचाग} से ही होता है।🙏

🙏आप जानते हैं ….

कि रामनवमी, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, राखी, भाई दूज, करवा चौथ, एकादशी, शिवरात्री, नवरात्रि, दुर्गापूजा सभी विक्रमी संवत कैलेंडर से ही निर्धारित होते हैं |

इंग्लिश कैलेंडर में इनका कोई स्थान नहीं होता।🙏

🙏सोचिये! आपके इस सनातन धर्म के

जीवन में इंग्लिश नववर्ष या कैलेंडर का स्थान है कहाँ ?🙏

🙏भारतीय संस्कृति का नव संवत् ही नया साल है…. जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तियां, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते हैं 🙏

🙏अतः हिन्दू अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने और नव संवत्सर 2079 चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा , 2 अप्रैल 2022 को, नूतन वर्ष धूमधाम से अवश्य मनायें 🙏

🙏हर हिंदू परिवार के सबसे बड़े बेटे को बनाया गया सिख🙏

🙏सिख भी हिंदू परिभाषा के अंतर्गत आते हैं🙏

🙏अधिकांश सिख गुरुओं के नाम राम, दास, गोविंद हैं🙏हम एक दूसरे से अलग नहीं हैं🙏

🙏हर परिवार में सबसे बड़ा या कोई भी बेटा जो पुलिस या सशस्त्र बलों में भर्ती होता है, हमारे देश और मानवता की सेवा करता है🙏

🙏एक हिंदू और हिंदुस्तानी होने पर गर्व करें🙏

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