चंडीगढ़:- 21 मार्च:- आर के विक्रमा शर्मा /राजेश पठानिया/ करण शर्मा+ अनिल शारदा:– बहुत ही गड़बड़ सौभाग्य की बात है कि आज भारत देश एक साथ 2 दिवसों के आयोजन करने का सौभाग्य पा रहा है।
आज विश्व कविता दिवस है। आंचलिक भाषाओं को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में 1999 में हुए 30वें अधिवेशन में 21 मार्च 1999 को विश्व कविता दिवस के रूप में बनाने की इतिहासिक घोषणा की गई थी। साहित्य अपने दौर का दर्पण होता है। यह बात पंजाब स्टेट अवॉर्डी और स्थापित कलमकार सुभाष भास्कर ने अल्फा न्यूज़ इंडिया को आज के दिवस के महत्व की जानकारी देते हुए सांझा की।
और आज 21 मार्च को ही विश्व वानिकी दिवस भी है। हमें पर्यावरण को संभाले रखने के लिए हरियाली को जीवन का मूल मंत्र बनाना ही होगा। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा। तो भौतिक जीवन चराचर संयमित और संरक्षित रहेगा।।