चंडीगढ़:- 14 फरवरी: आर के विक्रम शर्मा+राजेश पठानिया/ अरुण कौशिक एडवोकेट विनीता शर्मा दिलीप शुक्ला रघुनाथन नैयर/हरीश शर्मा/ धर्मवीर शर्मा राजू:—-आज फिरंगी यों का एक फेस्टिवल जो 10 दिन चलता है! आज उसका क्लोजिंग सेरेमनी है! और इसे वैलेंटाइन डे कहते हैं!! लेकिन आज का यह वैलेंटाइन डे हमारे उन शत्रुओं का खुशी का दिन हो सकता है जिन्होंने आज ही के दिन पुलवामा में हमारे वीर निर्दोष देशभक्त तकरीबन 5 दर्जन से भी ज्यादा सैनिकों को 30 किलोग्राम आरडीएक्स से उड़ा कर शहीद किया था!! आज का दिन समूचे राष्ट्र के लिए राष्ट्रीय शोक का दिवस है!!
अल्फा न्यूज़ इंडिया के देशभर में निस्वार्थ भाव से कार्यरत पत्रकारों मुंबई से अरुण कौशिक राजस्थान जयपुर से एडवोकेट विनीता शर्मा जैसलमेर से चंद्रभान सोलंकी साउथ इंडिया से रघुनाथ नगर मोहाली से बीबी सुरिंदर कौर हिमाचल प्रदेश से हरीश शर्मा गाजियाबाद यूपी से दिलीप शुक्ला और अबोहर फाजिल्का से धर्मवीर शर्मा राजू से एकत्रित रिपोर्टों के मुताबिक पुलवामा के अमर शहीदों को सजल नेत्रों से भरे मन से लेकिन गौरवमई श्रद्धांजलि अर्पित की गई। क्योंकि भारत माता के वीर सपूत ड्यूटी समय में बलिदानी हुए थे। और इन पर सियारों की भांति रणबांकुरे सिंहों पर आरडीएक्स विस्फोटक से कायराना हमला किया गया था। समूचा देश आज अपने इन बहादुर बलिदानियों को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता है। और भारत माता की और अपने तमाम बलिदानी सैनिकों की शपथ लेकर आतंकवाद का समूल नाश करने का संकल्प लेता है।।
लेकिन इन तमाम बहादुर बलिदानियों के पीड़ित और प्रभावित परिवारों सहित देश वासियों ने हैरत जताई है कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार और भारत माता के वीर देशभक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी के रहते आज तक इस दर्दनाक खौफनाक मंजर का सबब बनने वाले विस्फोटक हमले के गुनहगार आतंकवादियों की कोई जांच सिरे नहीं चढ़ पाई है।। देश द्रोहियों की दहशत फैलाकर मौत का तांडव नाचने वाले उग्रवादी संगठनों की आज तक ना तो कोई जांच हुई है। और ना ही कोई आंतकवादी संगठन पर किसी तरह का प्रतिबंध लग पाया है। यह टीस हर भारतीय के दिल में कराह पैदा करती है कि आज तक इस दिल दहला देने वाले सामूहिक कत्लेआम की गुत्थी क्यों नहीं समझाई गई है। और देश में अराजकता उग्रवाद दहशत का माहौल बनाने वाले आतंकी संगठनों पर क्यों कर नहीं पाबंदी लगाई गई है। आज तक इस विस्फोटक हमले के गुनाहगार आतंकवादियों के सिर कुचलकर सार्वजनिक क्यों नहीं किए गए हैं।। सेना को अपने बहादुर सैनिक बलिदानियों के खूनी तांडव का बदला लेने के लिए क्यों नहीं ऑर्डर किया गया है।। क्या कारण है कि आज तक आतंकी हमले अबाध रूप से जारी हैं।। भारत माता के वीर सैनिक आज भी आतंकियों की गोलियों का शिकार होकर बलिदानी बन रहे हैं।। आखिर यह मौत का तांडव कब तक खुलेआम सरेआम नाचा जाता रहेगा।। पुलवामा के अमर बलिदानी केंद्र की सत्तारूढ़ सरकार और जम्मू-कश्मीर की सत्तारूढ़ सरकार से बेकारण बेवक्त अपने कत्लेआम का इंसाफ मांग रहे हैं। आखिर राष्ट्रभक्त राजनीतिज्ञ या समाजसेवी क्यों नहीं बुलंद आवाज उठाते हैं कि पुलवामा के बलिदानियों को न्याय देने के लिए अपराधी आतंकवादियों का सफाया किया जाए। सियासी रोटियां सेंकने के लिए भारत माता के वीर सेनानी रणबांकुरे सैनिकों के बलिदान की होली खेलना क्यों नहीं बंद की जाए।।