चंडीगढ़: 30 दिसंबर:- आरके विक्रमा शर्मा/करण शर्मा+ अनिल शारदा प्रस्तुति:—-
दिल्ली में ओमिक्रोन के 50 मरीज हुए ठीक,
नहीं पड़ी ऑक्सिजन की जरूरत
कोरोना या ओमिक्रॉन के मरीजों की कुल संख्या न देखें
देखें, कितने मरीजों को अस्पताल भर्ती होना पड़ रहा है
देखें, इसके कितने मरीजों को दुनिया को अलविदा कहना पड़ रहा है।
तथ्य
1. ओमिक्रॉन कहीं ज्यादा संक्रामक है यानी अधिक तेजी से फैल सकता है, लेकिन इस वैरिएंट से गंभीर बीमारी का खतरा भी कम ही है।
2. अगर कोविड की अगली लहर आई तो उस दौरान कम लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ेगी।
3. साउथ अफ्रीका पर नजर डालें तो वहां ओमिक्रॉन की लहर कमजोर पड़ गई है।
लेकिन सावधानी बनाए रखें
ओमिक्रॉन या कोरोना से बचे रहने के सिर्फ दो तरीके हैंः
1. वैक्सीन लगवाना
2. कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना
कोविड प्रोटोकॉल हैः
1. घर से बाहर हर वक्त मास्क लगाकर रखें।
2. घर से बाहर हमारे आसपास जो भी शख्स आए, यह मानकर चलें कि उसे कोरोना है। उससे कम-से-कम 2 मीटर (करीब 6 फुट) की दूरी बनाकर रखें।
3. मुंह, नाक या आंख को छूने से पहले और खाने से पहले अपने हाथों को जरूर धोएं। साबुन-पानी से कम-से-कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं या फिर 70% अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।