हर पार्टी ने जुझारू कर्मठ पुराने सिपहसलारों को धकेला हाशिए से भी नीचे

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चंडीगढ़:- 4 दिसंबर:- आरके विक्रमा शर्मा /करण शर्मा+ अनिल शारदा:—- सोहनी सिटी एजुकेटेड सिटी ग्रीन सिटी पीसफुल सिटी बोले तो चंडीगढ़ सिटी कैपिटल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा प्रोविंस।

चंडीगढ़ में नगर निगम का चुनाव संपन्न होने जा रहा है। नामांकन प्रक्रिया जोरों पर है। तीन बड़ी सियासी पार्टियों ने आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस आई पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की 35 वार्डों में होने वाले चुनावों के लिए घोषणाएं मुकम्मल तौर पर संपन्न कर दी हैं। सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने अपने मी द्वारों की लिस्ट जारी की है। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी और फिर कांग्रेस आई ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम जनता के सामने प्रस्तुत किए हैं

हर पार्टी में हर कोई खुश नहीं था। और ना ही अब है। और ना ही कभी होगा।। हर पार्टी में बागी लोग गांव का हुजूम देखने को मिल रहा है। लंबे अरसे से पार्टी के अथक सिपहसालारों को भी पार्टी ने अज्ञात कारणों से हाशिए से भी नीचे धकेल दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही बहुत ही जुझारू कर्मठ नेता गांव दढ़वा से गुरप्रीत सिंह हैप्पी को दूध से मक्खी की तरह निकलने को मजबूर कर दिया। बागी होकर गुरप्रीत सिंह ने अपनी पत्नी को आम आदमी द्वारा खड़ा कर दिया है। और बाढ़ के तमाम अच्छे वोटरों ने गांव वासियों ने उनका भरपूर समर्थन जताया है। दूसरी और कांग्रेस आई में घमासान तो चिर विदित है। ऐसे में महामंत्री और प्रवासियों के मसीहा कहे जाने वाले शशि शंकर तिवारी को भी मक्खन में बाल की भांति निकल जाने पर मजबूर किया गया है। उनकी धर्मपत्नी को मांगने पर टिकट तक नसीब नहीं हुई। और अपनी व्यथा बेइज्जती को देखते हुए शशि शंकर तिवारी ने कांग्रेस को अलविदा कहा। और भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कहने वाले गुरप्रीत सिंह हैप्पी गांव दरिया निवासी को उनकी पत्नी के लिए भरपूर सहयोग समर्थन जुटाकर कामयाब बनाने की घोषणा कर दी है। इस घोषणा से भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस आई को ही नहीं अन्य पार्टियों को भी पसीने आने स्वभाविक है। कमरे साई में दिक्कत और कद्दावर नेता रहे शशि शंकर तिवारी ने वार्ड नंबर 9 से धर्मपत्नी अनीता तिवारी को टिकट ना मिलने की नाराजगी के एवज में कांग्रेस को बाय बाय बोला है।

देश के हालात में राजनीति का दर्पण देखें तो इसे धुंधला करने में महंगाई ने ही सबसे अहम रोल अदा किया है चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों में कृषि विरोधी बिलो को लेकर लोगों के मन में अब मनमुटाव कम है सरकार के प्रति गुस्सा कम है क्योंकि मोदी ने सबकी भावनाओं का आदर करते हुए यह बिल वापस ले लिए हैं हालांकि यह देश पर काबिज सरकार के लिए ही नहीं यहां के नागरिकों के लिए भी दयनीय बात है कानून में फेरबदल कानून की इज्जत है और कानून को रद्द करना सभी समझ सकते हैं किस ओर इशारा है।

भारतीय जनता पार्टी से गुरप्रीत हैप्पी को और कांग्रेस आई से शशि शंकर तिवारी को अलविदा कहना पड़ा है लेकिन आम आदमी पार्टी के वार्ड नंबर 35 से युवा उम्मीदवार चार्टर्ड अकाउंटेंट साहिल मक्कड़ को पहली सूची में ही उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था उन्होंने इसकी खुशी मैं खूब खर्चा भी किया और आखिर 3 दिसंबर को साहिल मक्कड़ से उम्मीदवारी का सोफा नीचे से ही किसका दिया गया । हताश निराश और परेशान साहिल मक्कड़ ने पार्टी के इस आदेश को सिर माथे पर तो ले लिया है और अब अपनी जगह अंसारी का भोज ला दे पार्टी के दूसरे उम्मीदवारों की जीत के लिए घर-घर वोट मांगने की कवायद जारी रखे हुए हैं पार्टी का हुकुम उनके सिर माथे पर है ऐसा शांत चित्त साहिल मक्कड़ का मानना कहना है पैस से बड़ी इज्जत होती है उनको उनके रिश्तेदारों से दोस्तों मित्रों से वार्ड वासियों से भरपूर समर्थन की शुभकामनाएं आशीर्वाद प्राप्त हो रहे थे ऐसे में उनके नीचे से बड़ी होशियारी से सियासत दानों ने कुर्सी ही छीन ली और यह सीट किसी दूसरी हस्ती को सौंप दी गई है। जनता बखूबी इस बदलाव को समझेगी। यह पब्लिक है सब जानती है क्योंकि हर समय इसकी निगाह नेताओं के कामों पर रहती है। तो हमाम में सभी एक साथ नहा रहे हैं। चिंता कृषि कर रहे हैं एक दूसरे को नीचा दिखा रहे हैं। खुद को अच्छा साबित करने की होड़ में भूल गए हैं कि यह जनता है। सब जानती है। यह पब्लिक है सब अच्छी भली भांति जानती है।।

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