जब हमारे विचारों की स्वतंत्रता दूसरे की स्वतंत्रता बाधित करती है तब संविधान की आवश्यकता होती है : न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव

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चंडीगढ़/वाराणसी:27 नवंबर:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:—अधिवक्ता परिषद काशी इकाई द्वारा शुक्रवार को सायं 3:00 बजे संविधान दिवस पर व्याख्यान का आयोजन जनपद न्यायालय स्थित मनोरंजन कक्ष में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव इलाहाबाद उच्च न्यायालय प्रयागराज व अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार राय, वीरेंद्र जायसवाल विधि वेत्ता, अरुण श्रीवास्तव एवं जनपद न्यायाधीश एके विश्वेश द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा कि संविधान एक नियम है जो घर से ही शुरू होता है हमारे धर्म में हर युग में अपना संविधान रहा है जब हमारे विचारों की स्वतंत्रता दूसरे की स्वतंत्रता बाधित करती है तब संविधान की आवश्यकता होती है। वक्ता के अगले क्रम में विधि वेत्ता वीरेन्द्र जी ने कहा कि संविधान पूर्व हमारे यहां धर्म आधारित व्यवस्था थी और धर्म वह है जो धारण करने योग्य है वह कर्तव्य को हम धर्म कह सकते हैं। हमारी विधि व्यवस्था ऐसी थी कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति भी राजा पर प्रश्न कर सकता था। जनपद न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने कहा कि संविधान एक वृहद ग्रंथ है जिसको काफी समय वह मेहनत से इसका निर्माण किया गया है । कार्यक्रम का संचालन वाराणसी इकाई के उपाध्यक्ष विवेकानंद उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रुप से अनुराग द्विवेदी, अशोक कुमार, देवश्री कसौधन, अजय कुमार, बनारस एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष बिनीत कुमार सिंह, नीलेश दुबे, सूर्य प्रकाश भारती, अवनीश बब्बू आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद वाराणसी इकाई के अध्यक्ष सतेन्द्र कुमार राय ने किया।

⚡क्लाउन टाइम्स “ब्रेकिंग न्यूज़” वाराणसी

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