चंडीगढ़: 16 नवंबर: आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा+ अनिल शारदा प्रस्तुति:–डेंगू एक वायरल डिजीज है जो एडीजमच्छर के काटने से होती है। इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। सैंटर फॉर कंट्रोल एंड प्रिवैंशन के मुताबिक, डेंगू दुनिया भर के 100 से ज्यादा देशों को प्रभावित करने वाली एक आम बीमारी है। नैशनल वैक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के आंकड़ों की मानें तो साल 2019 में भारत में डेंगू के 67000 से अधिक मामले सामने आए थे। आइए जानते हैं डेंगू के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में-
क्या है डेंगू
डेंगू मच्छर से होने वाली बीमारी है। एडीज नामक मच्छर के काटने से यह फैलता है। ऐसा कहा जाता है कि डेंगू के मच्छर ज्यादातर दिन के समय एक्टिव रहते हैं, जिसकी वजह से इनके दिन में काटने का खतरा अधिक रहता है। डेंगू के मच्छर ज्यादातर लोगों के एंकल और एल्बो को निशाना बनाते हैं। इस बार डेंगू का नया वेरिएंट सामने आया है, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इसके बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। लक्षण को पहचानकर इससे बचा जा सकता है। यही इसका उपचार है।
कारण
डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। इसका संक्रमण फ्लेविविरिडे परिवार के वायरस सेरोटाइप-डीईएनवी-1,2,3 और 4 के कारण होता है। यह वायरस 10 दिनों से अधिक जिंदा नहीं रहता। अगर इसका संक्रमण गंभीर रुप ले ले तो हैवी ब्लीडिंग, बल्ड प्रैशर में कमी होने लगती है। इसके अलावा पीड़ित के रक्त में प्लेटलेट काऊंट भी कम होने लगते हैं। कई बार व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है।
लक्षण
डेंगू हल्के और गंभीर दोनों तरह के हो सकते हैं। दोनों परिस्थिति में लक्षण अलग-अलग होते हैं। वहीं बच्चों में इसके लक्षण जल्दी समझ में नहीं आते। संक्रमित व्यक्ति में चार से सात दिन बाद इसके लक्षण दिखते हैं जो इस प्रकार हैं-
•तीव्र बुखार
•सिर, शरीर की हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द।
•उल्टी और जी मिचलाना
•शरीर पर लाल चक्ते
•आंखों में दर्द
गंभीर मामलों में लक्षण-
•पेट में असहनीय दर्द
•मसूड़ों और नाक से खून आना
• त्वचा के नीचे खून का बहना
•सांस लेने में परेशानी
•मसूड़ों, नाक, मल-मूत्र में खून आना
•लगातार उल्टी और खून आना
•थकान, बेचैनी और चिड़चिड़ापन
बचाव
डेंगू के इलाज के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। सावधानी ही इससे बचाव का एकमात्र उपाय है। इससे संक्रमित न हों इसके लिए जरूरी है कि आप अपने आस-पास सफाई रखें। कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें। पानी को ढककर रखें। कूलर का पानी बदलते रहें। शरीर को ढकने के लिए पूरे कपड़े पहनें। स्प्रे और क्रीम का इस्तेमाल करें। इससे बचाव के लिए विशेषज्ञ मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह देते हैं । आप चाहें तो मार्कीट में मिलने वाले लिक्विड और क्वाइल का इस्तेमाल कर सकती हैं। खान-पान पर विशेष ध्यान दें। ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहां इसके फैलने की आशंका
ज्यादा हो।
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