चंडीगढ़:- 06 सितंबर:- आर के शर्मा शर्मा+करण शर्मा प्रस्तुति:– निशब्द है कृतज्ञ राष्ट्र। नीरजा भनोट की अविस्मरणीय बलिदान को बारम्बार नमन।।।
*******विनम्र स्मृति सुमन*******
ये आंखें,
कुछ पाने की हसरत जगाती हैं।
कुछ खोने की शिकायत कर जाती हैं।
कुछ मिलने की ख्वाहिश करती हैं।
कुछ बिछड़ने के नाम से डरती है।
लगता है इन्हें देखकर यह कुछ कह रही है।
बर्दाश्त करने की हर हद सह रही है।
अचानक से मिले ख़ौफ की दास्तान सुनाती है।
बेवक्त मिले प्यार की सौगात भाती है।
जो मिल ना पाया उसका ताउम्र रंज होगा।
कभी किसी जनाजे से वह लिपटा ज़रूर होगा।
वह प्यार जो राजेश खन्ना से किया हमने।
वो हक हमें भी इस जन्म से ले लिया हमने।
हम वफा करते रह गए अपने जुनून से।
वो हमको ख़फा कर गए शायद सुकून से।
तमाम उम्र तेरा इंतजार भी कर लेते।
इक बड़ी जिंदगी जीने का इज़हार भी कर लेते।
यूं ही नहीं बनता कोई हीरो जमाने में।
कुछ तो गंवाना पड़ता है इज्जत कमाने में।
यह हौंसला जो मेरे मां बाप से मिला।
ताउम्र रहा साथ बहादुर बना चला।
रह रह के मेरे ख्वाब सच हो ही जाएंगे।
इक दिन हम इस जहां में तुझसे मिलने आएंगे।
इक दिन हम इस जहां में तुझसे मिलने आएंगे।।
**आरती शर्मा**