अनुशासन, शिष्टता और आदर्श संस्कार अच्छी संगत के हैं उपहार

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चंडीगढ़- 22 मई– अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति_______💥💥💥_______*नमस्ते लिखें, सुप्रभात नहीं.**सबको सादर नमस्ते जी।* कुछ लोग सुबह-सुबह एक दूसरे के स्वागत सम्मान के लिए, *नमस्ते जी* शब्दों के स्थान पर *Good morning* या *सुप्रभात या शुभ प्रभात* लिखते/बोलते हैं। ऐसा नहीं लिखना/बोलना चाहिए। क्योंकि यह विदेशी परंपरा *गुड मॉर्निंग* का हिंदी अनुवाद है . इसका अर्थ है *कि आज की सुबह अच्छी है*. इन शब्दों का प्रयोग करके आपने दूसरे व्यक्ति का कोई स्वागत सम्मान नहीं किया। सिर्फ मौसम की जानकारी दी। गुड मॉर्निंग बोलना तो विदेशी परंपरा है . विदेशी लोग अपने वहां के मौसम की जानकारी देने के लिए इस शब्द का प्रयोग करते हैं । इसका मुझे विदेश में ही पता चला। आज से लगभग 15 वर्ष पहले मैं वेद प्रचार करने के लिए, एक महीने के लिए इंग्लैंड गया था। वहां मैंने देखा कि लोग जब भी टेलीफोन करते हैं, तो सबसे पहले “गुड मॉर्निंग, गुड आफ्टरनून, गुड इवनिंग,” ऐसा बोलते हैं। मैंने वहां के लोगों से पूछा , ये लोग ऐसा क्यों बोलते हैं? तो उन्होंने यह बताया कि *यहां पर हर 2 / 4 घंटे में मौसम बदलता रहता है। तो इन शब्दों से हम लोग एक दूसरे को मौसम की जानकारी देते हैं, कि मौसम अच्छा है।* मैंने पूछा यह जानकारी क्यों देते हैं? तो उन्होंने बताया कि *यहां व्यापार करने के लिए मौसम की जानकारी करना बहुत आवश्यक है। यदि मौसम वर्षा का होने वाला है, तो लोग व्यापार में अपना सामान ट्रक से नहीं भेजेंगे, जिससे कि समान खराब न हो। यदि मौसम अच्छा है, तो व्यापार के लिए अपना समान भेजेंगे।* इसलिए मौसम की जानकारी देने के लिए “गुड मॉर्निंग” आदि बोला जाता है। तब मुझे इसका रहस्य पता चला। परंतु भारतीय लोग “गुड मॉर्निंग” का अर्थ “नमस्ते” ऐसा समझते हैं। इसलिए जब भी वे ऑफिस में सुबह सुबह अपने बाॅस से मिलते हैं तो “गुड मॉर्निंग सर”, यही बोलते हैं। जानकारी ठीक से न होने के कारण लोग भारत में *नमस्ते* के स्थान पर *गुड मॉर्निंग* शब्द का प्रयोग करते हैं।अथवा उसी का अनुवाद *सुप्रभात या शुभ प्रभात* आदि शब्द बोलते हैं। भारतीय सभ्यता में यह व्यवस्था है कि जब आप एक दूसरे से मिलते हैं, तो एक दूसरे का स्वागत सम्मान करना चाहिए। और उसके लिए *नमस्ते जी*, यही शब्द लिखना/बोलना उचित है। इसका अर्थ है *मैं आपका सम्मान करता हूं।* वेदों में भी यही शब्द है । ऋषियों ने भी इसी शब्द का प्रयोग किया है । दूसरी बात — कुछ लोग स्वागत/सम्मान के लिए “नमस्ते जी” शब्द भी लिख देते हैं, और उसके बाद “सुप्रभात” भी लिख देते हैं। यह भी उचित नहीं है। यदि आपने स्वागत/ सम्मान के लिए *नमस्ते जी* शब्द लिख ही दिया है, तो फिर *सुप्रभात* आगे और लिखने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि भारत में हर 2 / 4 घंटे में कोई मौसम बदलता भी नहीं है। अतः यहां मौसम की जानकारी देना भी उद्देश्य नहीं है। कृपया बिना सोचे समझे विदेशियों की नकल न करें। विदेशी परंपराओं को छोड़ें, और बुद्धिमत्ता पूर्वक सही शब्दों का प्रयोग करते हुए सच्चे भारतीय बनें। ऐसे ही *शुभ रात्रि* भी, Good Night का ही अनुवाद है। उसकी जगह भी *नमस्ते जी* लिखना या बोलना चाहिए। यही उचित है, तथा यही भारतीय सभ्यता है। भारतीय परंपरा का पालन करें, तभी आप सही अर्थ में भारतीय और स्वाभिमानी कहलाएँगे। *सबको सादर नमस्ते जी।*- *स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक।*🙂🙂🌺🔥💐🏵🌻✋✋✋ साभार व्हाट्सएप यूजर से।

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