चंडीगढ़/ गाजियाबाद:- 8 मई :-आरके विक्रम शर्मा/ करण शर्मा:– गाजियाबाद अपनी किन हरकतों के कारण दुनिया भर में बदनाम है यह ज्ञान आम है और गाजियाबाद का मोदीनगर तो इस बार और भी ज्यादा बदनामी का दंश झेल रहा है! क्योंकि इसी महीने के पहले पखवाड़े के पहले ही सप्ताह में यहां दरिंदगी की सब हदें पार की गई हैं! और यह हदें एक औरत यानि घर की ही बहू पर पार की गई हैं। और पार करने वाले कोई दुश्मन, शरीक और रंजिश पाले हुए पड़ोसी नहीं थे। बल्कि उसी बहू के ससुर, जेठ व देवर थे। जिन्होंने उसे बेरहमी से लटठ मार मारकर बुरी तरह घायल किया। हालांकि उनकी मंशा घायल करने की नहीं थी। वह तो पूरी तरह से उसे इस दुनिया से रुखसत करवाने की फिराक में ही थे। यह हम नहीं, बल्कि वायरल हो रही गाजियाबाद मोदीनगर की यह जिंदगी की हदों को पार करती वीडियो बता रही है। इसी घर की एक महिला जब उसको बचाने के लिए आगे आती है। तो उस पर भी एक व्यक्ति हमला करता हुआ दिखाई दे रहा है।
गाजियाबाद से ही रसूखदार नेक दिल मुस्लिम नौजवान का कहना है कि औरत पर हाथ उठाने वाले यही चार कथित नपुंसक अपने नपुंसक बाप के साथ अगर उसे कहीं मिल जाएं, तो वह अकेला एक साथ इन पांचों को टांग पर टांग रखकर फाड़ देगा। मसला हिंदू मुसलमान का नहीं है। औरत की अस्मिता का है। जैसे ही पुलिस के पास यह वीडियो पहुंचती है। पुलिस मामले की गंभीरता को तत्काल प्रभाव से अमल में लेकर मुस्तैदी से जांच शुरू कर दी है।
खबर लिखे जाने तक आरोपियों की गिरफ्तारी हुई या नहीं हुई। इसकी पुष्टि अभी लंबित है। लेकिन पुलिस इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ के सख्त आदेशों के चलते कोई भी लापरवाही या कोताही नहीं बरतेगी। हालांकि एक औरत पर 4-5 मर्दो का लट्ठ लेकर हिंसक होकर टूट पड़ना। इस देश में कोई पहली घिनौना वाक़यत बात नहीं है। इससे पहले भी पंजाब में एक कांग्रेसी सियासतदान के भाई ने एक महिला को बीच सड़क पर चमड़े की पेटी यानी बेल्ट से तब तक पीटते रहे। जब तक कि वह बेहोश नहीं हुई। पुलिस तो अपना काम कर देती है। अरेस्ट करती है, चालान बनाती है, धाराएं लगाती है। लेकिन कमी कोर्ट कचहरी में आ जाती है। जहां से यह तमाम नपुंसक अपराधी छूट जाते हैं। और दहशत की बात तो यह है कि अपराधी फिर उसी पीड़ित महिला पर कुकर्म, अत्याचार व जुल्म करते आम देखे जाते हैं।
अल्फा न्यूज़ इंडिया के लिए एडवोकेट मेघना जोशी के मुताबिक वायरल हो रही वीडियो को देखकर इन जुल्म ढहाने वाले आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498ऐ, 34 और 307 लगानी चाहिएं। और ऐसे केस जो समाज में गलत संदेश देते हैं। उनको नकेल डालने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में डिसीजन लिए जाने चाहिए। ताकि अपराधी जल्दी सजा को प्राप्त हों।