चंडीगढ़:- 09 मई :-आरके विक्रमा शर्मा+ करण शर्मा:— आज हमारा देश और इसके सभी प्रांत और सबसे छोटी इकाई परिवार तक आज कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के चलते प्राणवायु ऑक्सीजन की भारी कमी से लोहा लेते हुए प्राण त्याग रहे हैं!! यह संख्या कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है! हालांकि कृत्रिम गैस ऑक्सीजन के भंडारण की क्षमता बढ़ाने के लिए अनेकों उत्पादन करते प्लांट स्थापित किए जाने की घोषणा की गई हैं। और नए प्लांट निर्मित करने की दिशा में कारगर और तीव्रता लाते कदम उठाए जा रहे हैं। विदेशों में भी भारत की मदद करते हुए अपने अपने देशों से कृत्रिम गैस के बड़े-बड़े टैंकर और अनेकों हजारों की तादाद में ऑक्सीजन सिलेंडर्स भी भेजे हैं। संकट की इस घड़ी में विश्व के 3 दर्जन से ज्यादा मुल्क आज भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। सऊदी अरब अमीरात ने बिना पल देर किए 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन गैस भंडारण के टैंकर और हजारों की तादाद में ऑक्सीजन सिलेंडर भारत को भेजे हैं। सोवियत संघ रूस से भी दवाइयों के बड़े बड़े जखीरे भारत पहुंचे हैं। पाकिस्तान ने भी अपनी ओर से अपनी समर्थ मुताबिक भारत को मदद दी है। यही नहीं छोटे से मुल्क सिक्किम ने भी भारत को मदद दी है। हालांकि यह भारत द्वारा दुनिया के तमाम मूल्कों को जब जब भी प्राकृतिक आपदा विपत्तियां वहां आई हैं। उनको भरपूर मदद दी जाती है। यह उसी का ही फल भारत को मिल रहा है। क्योंकि भारत की सभ्यता संस्कृति धर्मवत ही दूसरों की मदद करना है। आज देश और अनेकों प्रांत ऑक्सीजन की कमी की भारी किल्लत के चलते अपने नागरिकों से हाथ धो रहे हैं।
लेकिन अल्फा न्यूज़ इंडिया की लोगों के समाज से और समाज के लोगों से हाथ जोड़कर विनती है कि जो दिवंगत हो चुके हैं। और जो अभी इस धरती पर हमारे परिवारों में मौजूद हैं। उनके नाम पर वह पेड़ जरूर लगाएं जिनसे हमें प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। अपनी शादी की वर्षगांठ पर, जन्म दिवस के अवसर पर, सेवानिवृत्ति के मौके पर और जीवन में किसी भी तरह की उपलब्धि पर अपने दिवंगतों की जयंती और पुण्यतिथि पर पौधारोपण का प्रण लें। और जहां कहीं भी वृक्ष के लिए पर्याप्त स्थान मिलता है। वहां उस पौधे का रोपण जरूर करें।
प्राकृतिक देन पेड़ पौधों के मार्फत अधिक जानकारी रखने वाले एक पर्यावरण प्रेमी ने महत्वपूर्ण जानकारी अल्फा न्यूज इंडिया के साथ सांझी करते हुए बताया कि बड़, नीम और शीशम, पीपल व आम आदि पेड़ों से सर्वाधिक प्राणवायु रुपी ऑक्सीजन प्राप्त होती है। ऑक्सीजन बनाने का काम तमाम पेडों की पत्तियों को करना होता है। एक हरे भरे पेड़ से घंटे भर में पांच मिलीलीटर ऑक्सीजन तैयार होती रहती है। इसलिए जिस पेड़ में ज्यादा हरी भरी पत्तियां होती हैं। वो पेड़ सबसे बड़ी तादाद में ऑक्सीजन भौतिक वायुमंडल में भेंट करता है।