चंडीगढ़ 26 फरवरी :- अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क प्रस्तुति:–कल शनिवार को माघ पूर्णिमा मनाया जाएगा. इसे माघ मास के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को मनाने की परंपरा है. इस दिन स्नान, जप और तप का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन ऐसा स्नान, जप, तप और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. घर में सुख-समृद्धि का वास होता है तथा धन-वैभव की प्राप्ति होती है. हालांकि, कई लोग इस दिन पूजा-पाठ करने में बड़ी भूल कर देते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं आज क्या करना चाहिए और क्या नहीं…
माघ पूर्णिमा के दिन क्या करें
एक माह के माघ स्नान के समाप्ति का दिन होता है माघ पूर्णिमा. इस दिन स्नान करें. यदि संभव हो तो पवित्र नदियों में स्नान करें, नहीं तो घर में गंगा जल से स्नान जरूर करें. ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा जल में भगवान विष्णु का वास होता है.
इस दिन किसी पंडित या पुरोहित से माघ स्नान का पूजा-हवन करवाएं क्योंकि यह शुभ माना गया है.
इस दिन भगवान विष्णु या सत्यनारायण स्वामी जी की पूजा-पाठ घर में जरूर करें.
भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक जरूर करवाएं. ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
यदि आपकी कुंडली में चंद्र दोष है तो आपको माघ पूर्णिमा व्रत जरूर रखना चाहिए. ऐसा करने से कुंडली दोष समाप्त होता है.
व्रत रखने वाले रात में चंद्रमा को अर्घ्य जरूर दें.
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को मिश्री, खीर का भोग जरूर लगाएं. ऐसा करने से धन वैभव की प्राप्ति होती है.
माघ पूर्णिमा के दिन क्या न करें
गरीब जरूरतमंदों को दान करना आज ना भूलें. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, पापों का नाश होता है.
माघ पूर्णिमा पर काले वस्त्र धारण ना करें.
माघ पूर्णिमा पर मांस-मदिरा लेने से परहेज करें.
माघ पूर्णिमा के दिन देर तक सोना नहीं चाहिए. ऐसा करना इस दिन वर्जित माना गया है.
माघ पूर्णिमा के दिन घर और आसपास की सफाई करना न भूलें. गंदगी से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
माघ पूर्णिमा के दिन संभोग क्रिया से बचें. ऐसा करने से जीवन में कष्ट बढ़ सकते हैं.
इस दिन बाल, नाखून या शेविंग आदि भूल कर भी न करें. ऐसा करना वर्जित माना गया है.
माघ पूर्णिमा के दिन बुजुर्गों का अपमान कतई ना करें. ऐसा करते हैं तो पितरों के क्रोध का सामना करना पड़ेगा.
माघ पूर्णिमा के दिन किसी प्रकार का कलह न करें. नहीं तो घर की सुख-शांति हमेशा के लिए चली जाएगी.
माघ पूर्णिमा के दिन किसी की निंदा करने से बचें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाएंगी.
जानें व्रत का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 3 बजकर 50 मिनट से, 26 फरवरी 2021 को
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 1 बजकर 45 मिनट तक, 27 फरवरी 2021 को