चंडीगढ़:- 6 फरवरी:- आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/ एनके धीमान:– किन्नर हमारे समाज का अहम हिस्सा है और हमारे ही घर परिवारों की पहचान है इनके बिना सामाजिक परिवारिक दायरा बिल्कुल अधूरा है। हमें मिलकर कानूनी तौर पर इन्हें इस दायरे में पूरी तरह से शामिल करना होगा। तभी किन्नर समाज के साथ-साथ हमारा अपना सब का समाज और राष्ट्र भी तरक्की करेगा। यह बात धर्म व्रती और समाज सेवक पंडित रामकृष्ण शर्मा ने अल्फा न्यूज़ इंडिया से प्रशासन तक पहुंचाने के मंतव्य से व्यक्त की। पंडित रामकृष्ण शर्मा अनिल कौन धार्मिक और सामाजिक उत्थान में जुटी संस्थाओं में महत्वपूर्ण जिम्मेदाराना और जवाब देह पदों पर आसीन हैं। और गाय, नारी समाज असहाय अपाहिज और संत समाज की सेवा में बिना लाग लपेट और स्वार्थ के अपनी धुन से ही जुटे हुए हैं।
रामकिशन शर्मा ने कहा कि सरकार को किन्नर समाज की ओर विशेष और प्राथमिकता के आधार पर ध्यान देना होगा। और इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का क्रम यथाशीघ्र जारी करना होगा। आज यह समाज खुद को मुख्यधारा से हाशिए पर मानता है। और अपेक्षित महसूस करता है। 21वी सदी के भारत को कदापि भी गवारा नहीं होना चाहिए।
पंडित रामकृष्ण शर्मा ने यह भी कहा कि भारत के सबसे बड़े प्रांत उत्तर प्रदेश में एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिवर्ष किन्नरों की संख्या 3000 से भी ज्यादा बढ़ती है। ट्राइसिटी चंडीगढ़ पंचकूला मोहाली में इनकी संख्या और मिलने वाली सरकारी सुविधाओं काफी लेखा-जोखा सरकारी स्तर पर पुख्ता करना चाहिए। इनके हर प्रकार के शोषण का सामाजिक नैतिक व मौलिक और कानूनी स्तर पर विरोध होना चाहिए। पंडित जी ने पुरजोर शब्दों में प्रशासन से और सबका साथ सबका विकास का एजेंडा लेकर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार से भी आग्रह किया है कि किन्नर समाज को भी सरकारी तमाम उन योजनाओं का लाभ उपलब्ध करवाना चाहिए जो समाज के अन्य लोगों को सहज सरल सुलभ हो रही हैं।
इस अवसर पर महाभारत युग में किन्नर समाज की महती भूमिका की ओर पंडित रामकृष्ण शर्मा ने ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि किन्नर समाज का अहम हिस्सा है। तभी तो महाभारत युद्ध में बतौर और सैनिक शिखंडी किन्नर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस काल में भी किन्नर समाज को सम्मान और समान स्थिति की आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध थीं। पंडित रामकृष्ण शर्मा ने केंद्र सरकार से नासा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से पुरजोर मांग की है कि देशभर में सभी किन्नरों को एक जैसा कानूनी तौर पर सुविधाओं का तोहफा सुनिश्चित किया जाए। और सभी को विशेष पहचान पत्र उपलब्ध करवाए जाएं। और मूलभूत सुविधाओं से किसी को वंचित ना रखा जाए।