पंचकूला:31 दिसंबर: अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क:– नगर निगम मेयर और पार्षद चुनाव में कांग्रेस मेयर उम्मीदवार उपिंद्र कौर आहलूवालिया की हार का एक बड़ा कारण पार्टी की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रंजीता मेहता हैं, जिन्होंने चुनाव से कुछ घंटे पूर्व कांग्रेस को अलविदा कह दिया। रंजीता के कांग्रेस छोडऩे के बाद उनके समर्थक भी कांग्रेस छोडऩे का विचार बना चुके हैं। रंजीता मेहता का कॉलोनियों और गांव में अच्छा होल्ड है, जिसके चलते राजीव, इंदिरा कॉलोनी, गांव अभयपुर, रैला में भी कुलभूषण गोयल को अच्छे मत मिल गए और गोयल लगभग 2000 मतों से विजयी हो गए। रंजीता मेहता ने आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ से मुलाकात की और पार्टी की जीत पर बधाई दी।
रंजीता मेहता को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ही उनके घर पहुंचकर पार्टी में शामिल करवाया था, जिसके बाद रंजीता मेहता भाजपा के पक्ष में जमकर प्रचार करती नजर आई। हालांकि उन्हें एक ही दिन का समय मिला, लेकिन उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर धुआंधार प्रचार करके कांग्रेस प्रत्याशियों पर मुंहतोड़ हमले किए। रंजीता मेहता ने उपिंद्र कौर आहलूवालिया, धनेंद्र आहलूवालिया, पूर्व नगर परिषद प्रधान रविंद्र रावल, पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन सहित कांग्रेस के बड़े नेताओं पर टिप्पणियां करने से भी रंजीता मेहता ने गुरेज नहीं किया और कांग्रेस को बच्चेखानी पार्टी तक बता दिया। रंजीता मेहता कांग्रेस से मेयर पद की दौड़ में शामिल थी। साथ ही वह अपने कुछ समर्थकों के लिए वार्डों में टिकट मांग रही थी।
रंजीता मेहता समर्थक वार्ड नंबर 1 से अनिल चौहान, वार्ड नंबर 6 से मुकेश सिरसवाल और वार्ड नंबर 9 से अंकुश निषाद भी कांग्रेस की टिकट के लिए ट्राई में थे, लेकिन चंद्रमोहन ने इन सभी की टिकट काट दी। चुनाव के दौरान यह तीनों ही प्रत्याशी आजाद तौर पर मैदान में थे और मतगणना के बाद कांग्रेस को एहसास हो गया कि उन्होंने यह टिकट काटकर पार्टी की सीटें गंवा दी हैं। रंजीता मेहता ने इन प्रत्याशियों से तालमेल बिठाकर मेयर पद के लिए भाजपा के पक्ष में मतदान करवाया, जिसके चलते कुलभूषण गोयल की लीड बरकरार रही। अब रंजीता मेहता पार्टी की नीतियों को लोगों तक पहुंचाने में जुटी हुई हैं। रंजीता मेहता को कहीं ना कहीं सरकार की ओर से एडजस्ट किए जाने की भी चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन यह कब तक होगा कहना मुश्किल है।