— चंडीगढ़ के चीफ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के कैपिटल प्रोजेक्ट वन की रोड टू डिवीजन के कर्मचारी अगस्त महीने से अपनी वेतन के लिए ही मोहताज बने हुए हैं। बरसों से अनियमित रूप से बतौर बेलदार और महिलाएं बतौर वूमन कुली अपनी नौकरी को समर्पित लय में अंजाम देते आए हैं। और इसी वर्ष अगस्त महीने में तकरीबन आठ बेलदार और वुमन कुलीज को प्रमोट किया गया था। उक्त आठों को पदोन्नत करने पर इन कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन मिलना चाहिए था। लेकिन घोर लापरवाही और शर्म ये है कि संबंधित अधिकारियों और बाबू क्लास की बेपरवाही के चलते उन्हें आज तक अपने ही वेतन के लिए मोहताज रहना पड़ रहा है। और अब तो रिटायरमेंट से महज 2 या 4 साल ही दूर इन कर्मचारियों को अपनी सख्त ड्यूटी सड़कों पर तारकोल बिछाते और बजरी डालने व सड़कों की सफाई करने के साथ-साथ अपने लंच टाइम में सेक्टर नौ स्थित ईईसीपी वन और अपने रोड डिवीजन टू में मजबूरन जूते घिसने पड़ रहे हैं।
और सफेद कालर धारी बाबू का उनके साथ अशिष्ट व्यवहार कई मौकों पर तो इंसानियत को शर्मसार कर देता है। अगले साल सेवानिवृत्त होने जा रही उक्त महिला कर्मचारी जो कि हाल ही में वूमन कुली रेगुलर हुई है, ने रुआंसी हो कर बताया कि घर में अब खाने तक के दानों को मोहताज होना पड़ रहा है। लोगों की देनदारी बढ़ी है। दुकानदार भी उधार देने से संकोच कर रहे हैं। इससे अच्छा तो हमें नियमित ही ना किया जाता ।। हम लोग पहले अनियमित दिहाड़ीदार ही ठीक थे। क्योंकि महीने बाद जो पगार मिलती थी। उससे 2 जून की बढ़िया रोटी तो चल रही थी। और किसी की देनदारी भी बकाया नहीं थी। लेकिन अब तो बढ़े हुए वेतन का पैसा मिलना तो दूर, पहले कुछ हजार रुपयों की तनख्वाह भी हाथों में नहीं मिलती रही ।।