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चंडीगढ़:– 25 अक्टूबर:– आरके विक्रमा शर्मा/ अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क प्रस्तुति:–कानून सर्वोपरि होता है और कानून के आगे जात धर्म नस्ल लिंगभेद सब गौण होते हैं। सरकारी नौकरी में तो सरकारी कायदे कानून ही सर्वोपरि होते हैं। इन्हीं संवैधानिक कायदे कानूनों की शपथ लेकर सरकारी कर्मचारी सरकारी नौकरी में प्रवेश करता है। लेकिन बाद में अगर किसी भी कारण से इन कायदे कानूनों की अवहेलना करता है। तो उसकी सजा निलंबन के साथ या फिर बिल्कुल ही पद भार मुक्त से मिलती है।।
ऐसा ही एक वाकया उत्तर प्रदेश के बागपत का पुलिस सब इंस्पेक्टर को लेकर सामने आया है। जहां पुलिस सब इंस्पेक्टर ने पुलिस मैनुअल की अवहेलना करते हुए बिना परमिशन के अपनी दाढ़ी बढ़ा ली थी। और वार्निंग इशयु होने के बाद भी उस पर अमल नहीं किया था। लेकिन जब उसकी नौकरी निलंबित की गई। तो तुरंत दाढ़ी कटवा कर अपने एसपी के सामने पेश हुए। तो एसपी ने पुलिस मैनुअल की कदर करने पर उन्हें तुरंत बहाल कर दिया।। बागपत के इस सब इंस्पेक्टर इंतसर अली ने पिछले साल नवबंर में ही दाढ़ी रखने के लिए इजाज़त मांगी थी जो उन्हें नहीं मिली।
पूरा है यह मामला:—– बिना अनुमति दाढ़ी रखने पर दरोगा सब इंस्पेक्टर निलंबित, चेतावनी के बावजूद सुधार न होने पर कार्रवाई।।।
उत्तर प्रदेश के बागपत में रामाला थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली (Sub Inspector Intsar Ali) को दाढ़ी कटवाने के बाद शनिवार को फिर से नौकरी पर बहाल कर दिया गया है। बता दें कि बिना अनुमति लंबी दाढ़ी रखने के आरोप में पुलिस अधीक्षक ने निलंबित करते हुए पुलिसलाइन भेज दिया था।
हालांकि अब इंतेसर अली एसपी के सामने दाढ़ी कटवाकर पेश हुए। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि शनिवार को उप निरीक्षक इंतसार अली द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि पुलिस मैनुअल के मुताबिक दाढ़ी कटवा ली है। जिसके बाद उन्हें बहाल करने का आदेश दिया गया।
इससे पहले पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह का कहना था कि उन्होंने ये कार्रवाई क़ानून के दायरे में रहकर की है। जबकि सब-इंस्पेक्टर इंतेसार अली का कहना था कि उन्होंने पिछले साल नवबंर में ही दाढ़ी रखने के लिए इजाज़त मांगी थी जो उन्हें नहीं मिली। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था कि ज़रूरत पड़ने पर वो अदालत भी जाएंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस नियमावली में 10 अक्टूबर 1985 को एक सर्कुलर जोड़ा गया, जिसके अनुसार मुस्लिम कर्मचारी एसपी से इजाजत लेकर दाढ़ी रख सकते हैं। हालांकि यूपी पुलिस के 1987 के सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि पुलिस वालों के लिए धार्मिक पहचान रखने की मनाही है।
सब इंस्पेक्टर ने कहा कि उसने दाढ़ी बढ़ाने की नवंबर में अर्जी लगाई थी लेकिन उसे परमिशन नहीं मिली।। इसके बावजूद भी उसने पुलिस मैनुअल को ठेंगा दिखाते हुए अपनी दाढ़ी बढ़ाकर कानून का और पुलिस मैनुअल के कायदे कानूनों का अपमान किया था।। अब सब इंस्पेक्टर कोर्ट में जाने की बात कह रहा है तो क्या वह अब पुलिस मैनुअल को कोर्ट में चैलेंज करेगा इस जवाब के लिए अभी इंतजार बाकी है।।

