श्री राम प्रसाद बिस्मिल जी को कृतज्ञ राष्ट्र का कोटि-कोटि नमन

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चंडीगढ़:- 11 जून:- अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क:—- पंडित राम प्रसाद बिस्मिल महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत माता की बेमिसाल देशभक्ति की पहचान को आज कृतज्ञ राष्ट्र कोटि-कोटि नमन करता है।।

–:: गर तुम भी होते भारतसुत ::–

गांधी तुम चाहते तो लाल किले
पर भगवा फहरा सकते थे ।
तुम चाहते तो तिब्बत पर भी
झंडा लहरा सकते थे ।।
तुम चाहते तो जिन्ना को
चरणों में झुकवा सकते थे ।
तुम चाहते तो भारत का
बंटवारा रुकवा सकते थे ।।
तुम चाहते तो अंग्रेजों का
मस्तक झुकवा सकते थे ।
तुम चाहते तो भगतसिंह की
फाँसी रुकवा सकते थे ।।
इंतजार ना होता इतना
तभी कमल खिलना तय था ।
सैंतालिस में ही भारत माँ को
पटेल मिलना तय था ।।
लेकिन तुम तो अहंकार के
घोर नशे में झूल गए ।
गांधीनीति याद रही
भारत माता को भूल गए ।।
सावरकर से वीरोँ पर भी
अपना नियम जता डाला ।
गुरु गोविन्द सिंह और प्रताप
को भटका हुआ बता डाला ।।
भारत के बेटों पर अपने
नियम थोप कर चले गए ।
बोष पटेलों की पीठों में
छुरा घोप कर चले गए ।।
तुमने पाक बनाया था वो
अब तक कफ़न तौलता है ।
बापू तुमको बापू कहने
तक में खून खौलता है ।।
साबरमती के वासी सोमनाथ
में गजनी आया था ।
जितना पानी नहीं बहा
उतना तो खून बहाया था ।।
सारी धरती लाल पड़ी थी
इतना हुआ अँधेरा था ।
चीख चीख कर बोलूंगा मैं,
गजनी एक लूटेरा था.।।
सबक यहीं से ले लेते तो
घोर घटाए ना छाती ।
भगत सिंह फाँसी पर लटके
ऐसी नौबत ना आती ।।
अंग्रेजो से लोहा लेकर
लड़ना हमें सीखा देते ।
कसम राम की बिस्मिल
उनकी ईंट से ईंट बजा देते ।।
अगर भेड़िया झपटे तो
तलवार उठानी पड़ती है ।
उसका गला काटकर अपनी
जान बचानी पड़ती है ।।
छोड़ अहिंसा कभी-कभी
हिंसा को लाना पड़ता है ।
त्याग के बंसी श्री कृष्ण को
भी चक्र उठाना पड़ता है….।।

वन्देमातरम्…

रचनाकार को साधुवाद…

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