मोहाली 29 मई अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क:- मोहाली सिविल अस्पताल की एसएमओ द्वारा कथित रूप से एक पेशेंट सुरजीत मान के साथ दुर्व्यवहार का निंदनीय मामला अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुरजीत मान एक सोशल वर्कर भी है। जिस पर आजकल इस मौके एस एम ओ के खिलाफ दी गई कंप्लेंट्स वापस लेने के लिए हर तरह की वर्दी अपना दवाब रंग दिखा रही है। और मोहाली प्रशासन, डायरेक्टर हेल्थ डिपार्टमेंट, हेल्थ मिनिस्टर पंजाब और पंजाब के आला ब्यूरोक्रेट्स यहां तक कि केंद्र सरकार के अनेकों संबंधित विभागों के मंत्री और प्रशासनिक सेवा अधिकारी पूरे मामले में कथित चुप्पी साधने को लेकर पब्लिक की कानाफूसी और निंदा के भाजक भी बन रहे हैं। एसएमओ पूरे अस्पताल की रीड की हड्डी होती हैं लेकिन उनके दुर्व्यवहार ने रोगी की ही मान सम्मान की रीड की हड्डी तोड़ दी है। सुरजीत सिंह के मुताबिक वह पूरी तरह से डिप्रेशन में है। और अगर उसे इंसाफ ना मिला जिसके लिए उसने राष्ट्रपति और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और सुबे के मुख्यमंत्री तक से शिकायत की है। इंसाफ न मिलने की दशा में अपनी जीवन लीला समाप्त करने की बात कही है।
हैरत की बात तो यह है कि अब जनता भी कहने लगी है। कि एक एस एम ओ पर अगर दुर्व्यवहार के आरोप हैं। और पेशेंट को कंप्लेंट वापस लेने के लिए डराने धमकाने दबाव बनाने के आरोप हैं। तो उसे खुद यहां से इंसानियत के नाते नैतिकता के नाते और माहौल की शांति सुरक्षा व्यवस्था के लिए हंसते हुए तबादला करवा लेना चाहिए। और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को भी यह तबादला जल्दी करके मामले का निपटारा कर देना चाहिए। ताकि एक नौजवान अपनी बेशकीमती जान की बलि एसएमओ की हठधर्मिता पर ना चढ़ाएं। इस मामले में एस एम ओ से बात करने के ऊपराले फेल हो जाते हैं। यह भी हैरत की बात है स्थानीय मीडिया ने भुक्तभोगी और अब डिप्रेस्ड रोगी मामले में पारदर्शिता लाते हुए मामले को ऊपर तक पहुंचाया है। लेकिन कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक व्यवस्थाओं का बेड़ा गर्क दंश रहा है।। जनता का मोहाली प्रशासन, पुलिस प्रशासन और डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज, पंजाब सहित हेल्थ मिनिस्टर पंजाब और हेल्थ मिनिस्टर केंद्र सरकार, पंजाब सरकार मुख्यमंत्री उनके चीफ सेक्रेटरी सब पर से विश्वास उठता जा रहा है। और सब के चेहरे और आचरण जनता के प्रति जवाबदेही का नंगापन सामने आ रहा है। सुरजीत मान प्रशासनिक व्यवस्था से बुरी तरह आहत होकर अब अपनी जीवन लीला ही समाप्त करने की बात कह रहे हैं। लेकिन पुलिस चिकित्सा अधिकारी और प्रशासन खामोश खड़ा है और किसी अनहोनी के घट जाने की शायद इंतजार कर रहा है।।