चंडीगढ़ 18 अप्रैल आर के विक्रम शर्मा चंडीगढ़ में भी कर्फ्यू की अवधि 3 मई तक है और चंडीगढ़ इस वक्त रेड जोन में है और कोरोना वायरस हॉटस्पॉट पी चयनित किया गया है ऐसे में अगर 28 दिन में कोई नया केस नहीं अस्पताल पहुंचता है तो चंडीगढ़ को ग्रीन केटेगरी में डालने पर कुछ राहत मिल सकती है फिलहाल हॉटस्पॉट के कारण किसी भी प्रकार की छूट बिल्कुल भी नहीं दी जाएगी केंद्र की नई निर्देशावली अनुसार 14 दिनों में अगर कोई नया केस नहीं आता है तो कई चरण की छूट मिलने के आसार हैं। 16 अप्रैल तक शहर में कुल 21 कोरोनावायरस पोस्टिव केस दर्ज किए गए थे। नौ पेशेंट बिल्कुल स्वस्थ भी हुए हैं। तकरीबन 1730 से ज्यादा लोगों को होम क्वॉरेंटाइन किया गया था। चंडीगढ़ जब ऑरेंज जॉन में जाएगा तो छूट मिलनी शुरू हो जाएगी। ग्रीन जोन में जाने पर 13 मई तक अगर कोई केस नहीं आता तो यह संभव है।
लोग घरों में खुद को कैदी समझ रहे हैं ना कि कोरोनावायरस की भयावहता को।। जीने के लिए जीवन जरूरी है और जीवन के लिए बचे रहना और बचे रहने के लिए आज सबसे पहली और आखरी बुनियादी जरूरत है घर की चारदीवारी के अंदर रहना किसी दूसरे के संपर्क में आने से खुद को परिवार को बचाए रखना है। यह विचार गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल सेक्टर 32 के एचओडी डॉक्टर अत्री ने अल्फा न्यूज़ इंडिया के साथ साक्षी किए हैं उन्होंने भी लोगों से हाथ जोड़कर अपील की है घर में रहो सुरक्षित रहो हां अगर इसी तरह की बोरियत है तो बहुत कुछ नया क्रिएटिव करने के लिए आपको समझाया जा रहा है डॉक्टर अत्रि के मुताबिक शरीर में ऊर्जा और इम्यून सिस्टम सॉलिड होना बहुत जरूरी है इसके लिए शिविर को चुस्ती फुर्ती रखें। लगातार आलसी ना बनें। नाही बिस्तर पकड़े रहें। या टीवी के सामने सोफे पर धंसे पड़े रहें। बेहतर होगा कि आयुष की दिशा निर्देशों का भी पालन करें। आप योग व मेडिटेशन और घर में तेज कदम चाल या टहलना या लाफिंग थेरेपी क्लैपिंग थेरेपी आदि भी कर सकते हैं। शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए नियमित के दिनचर्या को प्रभावित ना होने दें। सही समय पर शयन करें। और सही समय पर बिस्तर छोड़ें। गरम पानी पीने का क्रम यथावत बनाए रखें। जहां तक हो सके, हाथों को और पैरों को भी उसी तरह ढकें, जैसे मुंह को मास्क से ढक रहे हैं। हाथों को धोने के लिए सैनिटाइजर ही नहीं, घरेलू साबुन भी प्रयोग में लाया जा सकता है। वास वेशन और टॉयलेट सीट पर दिन में एक बार जरूर उबलता हुआ पानी डालें। दरवाजों के हैंडल आदि पकड़ने के लिए हाथ ढके होने चाहिए। घर में पालतू जीवों से उचित दूरी का ध्यान रखें। और उनके भी खानपान का उतना ही ध्यान रखें, जितना अपने पोष्टिक आहार का रख रहे हैं। शरीर को लचीला बनाने वाली एक्सरसाइज और रस्सी कूदना आदि कभी नियमित अभ्यास करते रहे। फेफड़ों के लिए बेहतरीन रहेगा कि आप 1 घंटे में कम से कम 2 बार जहां तक संभव हो लंबे समय तक सांस रोककर छोड़ने वाली प्रक्रिया लोम विलोम करते रहें।
और भक्तों को सही तरीका यूटिलाइज करने के लिए आप धार्मिक शैक्षिक यह जो भी आपकी रुचि है ऐसी किताबें पढ़ सकते हैं आज के लिए है सुविधा यूट्यूब पर या माइक्रो ब्लॉगिंग पर भी उपलब्ध है किताबें पढ़ते वक्त भी बॉडी का सही पोस्टर होना बहुत जरूरी है यह भी एक तरह की एक्सरसाइज ही है दूसरा सबसे अहम बात है कि शरीर में प्रोटीन फाइबर की प्रचुर मात्रा बनाए रखें। सीजनल फल जो हैं संतरा किन्नू जो भी आपको पसंद हो, खाते रहें पर शरीर को चलायमान बनाए रखें। आलस्य ना रखें सोए ना रहे और दिल दिमाग में एक सुंदर और सजग सकारात्मक सोच का दायरा बढ़ाते रहें।।