लाक डाउन तोड़ने वाले हर एक पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए : आम जनता

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चंडीगढ़:- 18अप्रैल:- आरके शर्मा विक्रमा:-  कर्नाटका में बेंगलुरु में पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के  बेटे निखिल कुमारस्वामी की रेवती(कांग्रेसी नेता एन कृष्णप्पा की रिश्तेदार) के साथ शादी पूरे देश भर में सुर्खियों में है। बड़े लोगों की बड़ी बात होती है। और गरीब की तो  बेटी के हाथ ही पीले हो जाएं उनके लिए तो यही सबसे बड़ी बात होती है। और इस पर मीडिया तक की  दया दृष्टि उससे भी बड़ी बात है।

कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के चलते देशभर में  लॉक डाउन और जनता कर्फ्यू 3 मई तक जारी है। ऐसे में यह शादी संपन्न होना स्थानीय सरकार, पुलिस अधिकारी वर्ग और प्रशासनिक अधिकारियों को भी संदेह के घेरे में लाती है। सोशल डिस्टेंसिंग को परे धकेलते हुए कानून को पैरों तले  वह भी कानून के रक्षकों और सरकार के जिम्मेवार व जवाबदेह लोगों की मौजूदगी में रौंदा गया । हैरत की बात तो यह है कि यह शादी देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कर्नाटक के ही पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार में संपन्न हुई है। जिसने लॉक डाउन की खुलेआम अवहेलना की है। यह शादी सोशल मीडिया में तो खूब ट्रोल की जा रही है।  राजनीतिक  धुरंधरों की ओर से अभी तक किसी प्रकार की कानून हित में टिप्पणी नहीं आई है। जो कि अपने आप में ही बड़ा सवाल है कि देश में कानून व्यवस्था सिर्फ असहाय और आम रियाया के लिए है।

देश के तेज तर्रार राष्ट्रीय कवि और हिंदी के सिपहसालार व राजनीतिज्ञ डॉ कुमार विश्वास ने इन लोगों को नमूनों की संज्ञा दी है। डॉ कुमार विश्वास ने कहा कि जहां देश कोरोनावायरस  से लड़ते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की लड़ाई लड़ रहा है वहीं यह नमूने उत्सव मना रहे हैं।।

महामारी के चलते लगे कर्फ्यू और लॉक डाउन में जिन लोगों को घरों से बाहर सड़क पर टहलने पर ही कानूनी कार्रवाई और पुलिस की लाठियों का शिकार होना पड़ा, देशवासियों के साथ साथ इन सबकी निगाहें सबके लिए बराबर कानून देने की बात करने वालों पर अटक चुकी हैं।कि उक्त शादी में शरीक हर एक इंसान जो कानून का अपराधी है उस पर कब और कैसी कैसी धाराएं लगाकर मामला दर्ज कर सजा दी जाती है।

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