चंडीगढ़ पंचकूला :-17 अप्रैल अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क महामारी तो अपना जानलेवा खेल जारी रखे हुए हैं और भारत में ही नहीं दुनिया के तकरीबन सभी देशों में मौत का तांडव नाच आ जा रहा है। इस महामारी से बचने के लिए भारत में दूरदर्शी प्रधानमंत्री ने लॉक डॉउन और कर्फ्यू लगाकर स्थिति को काफी हद तक संभाला है। लेकिन अनेकों शहरियों और ग्रामीणों ने जिनमें पढ़े-लिखे ज्यादा तादाद में हैं ने इस जनता लॉक डाउन को खारिज करते हुए कोरोनावायरस को कम्युनिटी तक पहुंचाने का लगता बीड़ा उठा रखा है। इसी को देखते हुए देशभर में दूसरे चरण का लाक डाउन व कर्फ्यू अगली 3 मई तक जारी रहेगा। ट्राईसिटी में मोहाली में स्थिति बद से भी बदतर है। पंचकूला में परिस्थितियां परेशानी बढ़ाने वाली हैं। चंडीगढ़ में भी स्थिति चिंताजनक है। भले ही प्रशासन, पुलिस व डॉक्टरों सहित जिम्मेदाराना अफसरों ने नियंत्रण में रखने की कामयाब कोशिश की है।
ऐसे में दिहाड़ीदार वर्ग की स्थिति ले दे कर दयनीय है। उन्हें भरपूर भोजन दो वक्त उपलब्ध करवाने में प्रशासन के कंधे से कंधा मिलाकर गुरद्वारों और मंदिरों व अनेकों धर्म समाजों ने कमान संभालने का बीड़ा उठा रखा है। अनेकों एनजीओस ने भी भूखों को खाना खिलाने में अपने स्तर पर सराहनीय अभियान छेड़ रखा है। हालांकि उन्हें कई जगह मजबूरन पुलिस के कोप का विभाजक बनना पड़ रहा है। पब्लिक भी प्रशासन के और परोपकारी लोगों के प्रयासों का कई जगह गलत लाभ उठा रही है। और परेशानियों की परिस्थितियां तैयार कर रही है। मजबूरन प्रशासन और पुलिस को ऐसे लंगर आदि बंद करवाने पड़ रहे हैं। भले ही उनसे भूखे समाज को बहुत ही विकट परिस्थिति से गुजरना पड़ रहा है। पंचकूला में कोरोना बीमारी से ग्रस्त मरीज की अनिवार्य सूचना सरकारी अधिकारियों तक ना पहुंचाने वाले सेक्टर 11 पंचकूला के नागपाल क्लिनिक के डॉक्टर ऋषि नागपाल के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है। यह मामला अपने आप में बहुत ही गैर जिम्मेदाराना और इंसानियत का जज्बा दिखाने के दौर में तिजोरी भरने वाला दिखाई दिया। पुलिस व मेडिकल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ऋषि नाागपाल के खिलाफ एक्शन लिया। और संक्रमित लोगों को बुनियादी अनिवार्य चिकित्सा मुहैया करवाई गई है। अनेकों जगह पर पब्लिक भी प्रशासन और पुलिस के साथ-साथ मेडिकल सर्विस देने वालों के लिए मुश्किलात खड़ी कर रही है। और जिम्मेदाराना भूमिका निभाने वाले डॉक्टर भी गैर जिम्मेदार हो रहे हैं। ऐसे में दोष पुलिस और प्रशासन सहित मेडिकल व्यवस्था को कैसे दिया जा सकता है।। इस बाबत नागपाल क्लिनिक पर संपर्क करने की कोशिश नाकाम ही रही।