मेमोरियल पब्लिक स्कूल से सबक लें ट्राइसिटी के प्राइवेट स्कूल

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चंडीगढ़: 16 अप्रैल: आरके शर्मा विक्रमा/एन के धीमान :— लखपत सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के प्रचंड प्रकोप के दौरान देश की मौजूदा परिस्थितियों के चलते अपने स्कूल के विद्यार्थियों की सरकारी आदेशों मुताबिक फीस माफी की सराहनीय घोषणा की है। स्कूल की अधिकारिक अथॉरिटी के मुताबिक जिन बच्चों ने विद्यार्थियों ने शीश पहले ही जमा करवा दी है वह उनके अगले महीनों की फीस के माकिफ  दर्ज की जाएगी।। उक्त अथॉरिटी के मुताबिक यह फीस अप्रैल मई-जून 3 महीनों की अवधि के लिए माफ की गई है इसके साथ यह भी विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को स्पष्ट कर दिया गया है कि कक्षा की किताबों में भी खरीद में 30% का डिस्काउंट लाभ दिया जाएगा। स्कूल के अधिकृत लेटर हेड द्वारा अंकित भाटिया प्रेसिडेंट लखपत सिंह मेमोरियल पब्लिक  हाई स्कूल की मोहर लगा यह नोटिस सर्कुलर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा निदेशालय  के  मुताबिक प्राइवेट स्कूल भी विद्यार्थियों की फीस माफी की ओर नर्म दिल रैवेया  यथाशीघ्र क्रियान्वित करें।। यहां ध्यान में यह भी लाया जाता है कि चंडीगढ़ के कन्वेंट स्कूल जो प्राइवेट अदायरे के हैं सरकारी आदेशों को हमेशा ठेंगा दिखाते रहे हैं। या उन्हें “किंतु परंतु” में उलझाए रखते हैं। प्रशासकीय ढांचे की शिक्षा को लेकर इन प्राइवेट स्कूलों के यूनियन पदाधिकारियों के साथ अक्सर मतभेदों की खबरें सुर्खियां बनी रहती हैं। कई मुद्दों पर प्रशासन भी प्राइवेट कन्वेंट स्कूलों के हितार्थ मामले में नौसिखिया भी साबित होता रहता है।

प्राइवेट कन्वेंट स्कूलों के विद्यार्थी और उनके अभिभावकों की पुरजोर मांग है कि जब सरकारी फीस माफी आदेश दिए गए हैं तो उनकी अवहेलना करने वालों पर विद्यार्थियों और अभिभावकों को प्रताड़ित करने के केस दर्ज किए जाएं। और प्रशासकीय आदेशों की नजरअंदाज करने की जुर्रत पर भी कानूनी कार्रवाई तत्काल प्रभाव से मुकम्मल की जाए। ताकि विद्यार्थी वर्ग एकाग्र चित्त होकर फीस भरने की टेंशन छोड़ कर और उनके अभिभावक फीस भरने के बोझ  से प्रभावित न  होते हुए विद्यार्थियों की पढ़ाई अबाध रूप से जारी रखें।।

इस बाबत चंडीगढ़ की प्राइवेट स्कूल यूनियन से हिंद संग्राम परिषद चंडीगढ़ इकाई और अनेकों समाजिक संस्थाओं ने भी पुरजोर अपील की है कि वह सरकारी घोषणाओं मुताबिक विद्यार्थियों से 3 महीने की फीस ना वसूल करें। और स्कूली किताबों सहित स्टेशनरी पर भी ज्यादा से ज्यादा छूट दिलवाएं।

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