भारतीय पुरातन धर्म संस्कृति की संग्रहणीय पूंजी

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चंडीगढ़/ वृंदावन:- 11 अप्रैल:- अल्फा न्यूज़ इंडिया धर्म डेस्क:—4 ved ke naam 6 shastra ke naam 18 purano ke naam चार वेंदो के नाम, 6 शास्त्र 18 पुराण

चार वेद – यह तो सर्वविदित है कि “वेद कितने हैं “। वेदों की संख्या चार हैै जिसे वेद-चतुष्टयी कहा जाता है।

चार वेदों 4 ved के नाम क्रमानुसार निम्नलिखित हैं :

ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद

ऋग्वेद को विश्व का प्राचीनतम साहित्य होने का गौरव प्राप्त है ।

उपवेद – चारों वेदों के क्रमशः चार उपवेद हैं, जो निम्नवत् हैं :

स्थापत्य या शिल्पवेद
धनुर्वेद
गंधर्ववेद
आयुर्वेद

उपनिषद्

ईश उपनिषद
केन उपनिषद
कठ उपनिषद अथवा कठोपनिषद
प्रश्न उपनिषद
मुण्डक उपनिषद
माण्डूक्य उपनिषद
तैत्तिरीय उपनिषद
ऐतरेय उपनिषद
छान्दोज्ञ उपनिषद
कौषीतकी उपनिषद
वृहदारण्यक उपनिषद
श्वेताश्वर उपनिषद

हमारा आदर्श राष्ट्रीय वाक्य “सत्यमेव जयते” ‘मुण्डकोपनिषद्’ से लिया गया है।

वेदांग – वेदांगों की संख्या छः हैं जिन्हें कभी-कभी शास्त्र 6 Shastra भी कह दिया जाता है। यद्यपि व्यापक अर्थ में हम
इन्हें भी शास्त्र कह सकते हैं।

शिक्षा
कल्प
व्याकरण
निरुक्त
छंद
ज्योतिष

छह 6 शास्त्र – छह शास्त्र अग्रलिखित छह दर्शन के नाम पर जाने जाते हैं। 6 शास्त्र के नाम इस प्रकार हैं :

न्याय शास्त्र
वैशेषिक शास्त्र
सांख्य शास्त्र
योग शास्त्र
मीमांसा शास्त्र
वेदांत शास्त्र

अट्ठारह 18 पुराणों के नाम – Name of 18 Puranas in Hindi

ब्रह्म पुराण
पद्म पुराण
विष्णु पुराण
वायु पुराण
भागवत पुराण
नारद पुराण
मार्कंडेय पुराण
अग्नि पुराण
भविष्य पुराण
ब्रह्म वैवर्त पुराण
लिंग पुराण
वराह पुराण
स्कन्द पुराण
वामन पुराण
कूर्म पुराण
मत्स्य पुराण
गरुड़ पुराण
ब्रह्माण्ड पुराण

उपर्युक्त १८ पुराणों में ब्रह्म पुराण सबसे प्राचीन है ।

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