लाइसेंस व डिग्री के बिना कंपाउंडर बना डॉक्टर चढ़ा पुलिस के हत्थे

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चंडीगढ़:- 10 अप्रैल:- अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क :– चंडीगढ़ में कोरोनावायरस महामारी के चलते शहर भर में सख्त कर्फ्यू है चंडीगढ़ की मुस्तैद पुलिस सड़कों पर सार्वजनिक स्थलों पर गांवों में गलियों में पैनी निगाहें लेकर रात दिन गश्त कर रही हैं ऐसे में अनेकों असामाजिक तत्व उनकी निगाहों में आ रहे हैं और हत्थे चढ़ रहे हैं। मलोया पुलिस स्टेशन की पुलिस ने अपने एरिया डडडू माजरा में पहला और शहर में दूसरा  डिग्री, प्रेक्टिस लाइसेंस सर्टिफिकेट के बिना भी डॉक्टरी करते ओम प्रकाश को धर दबोचने में कामयाबी हासिल की है। यह फर्जीवाड़े का क्लीनिक डडडू माजरा में चल रहा था पकड़े गए ओमप्रकाश ने बताया कि गत 1 माह से ही बतौर डॉक्टर क्लीनिक चला रहा है पहले वह कंपाउंडर कार्य करता था। उसके पास मेडिकल प्रैक्टिस के लिए कोई प्रेक्टिस लाइसेंस न थी। किसी तरह की डिग्री व किसी तरह का पंजीकरण नंबर आदि नहीं है। हां उसने यह भी बताया कि उसके इलाज से किसी को भी किसी तरह का नुकसान अभी तक नहीं हुआ है। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए  फर्जी डॉक्टर पर मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 की धारा 15 सेक्शन 23 पंजाब मेडिकल रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए उसे तुरंत हिरासत में ले लिया है। और पुलिस आगे मामले की जांच में जुटी हुई है। इस बारे में विस्तृत जानकारी मुताबिक कार्यकारिणी मेजिस्ट्रेट इंद्रजीत सिंह  और एस एच ओ पलक गोयल अपनी जनरल ड्यूटी करते हुए गश्त पर थे। इसी दौरान उन्होंने दीपा क्लीनिक  पर बैठे डॉक्टर के साथ  बात शुरू कर दी। बातों के दौरान शक होने लगा कि डॉक्टर किसी सूरते  हाल में डॉक्टर ओमप्रकाश नकली प्रतीत  हो रहा है। शक होने पर उन्होंने डॉक्टर से गहनता से पूछताछ करनी शुरू कर दी। उसकी डिग्री के बारे कुछ सुराग नहीं लगे। ओम प्रकाश पुलिस के उलझाने  वाले सवालों को सुलझा न पाया।  इसमें पुलिस के आगे फर्जी  होने का किस्सा बयां कर दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। शहर भर में झोलाछाप डॉक्टरों की भागने की और बिलों में घुस जाने की कवायद शुरू हो चुकी है ।फर्जी क्लीनिकों  को  ताले लगने शुरू हो चुके हैैं। और यह खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई।।

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