कलमकार आरके विक्रमा शर्मा “बेबे तू नहीं पूलदी” के हिंदी अनुवाद के इच्छुक

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चंडीगढ़: 18 मार्च:- करण शर्मा/ एनके धीमान:– पंजाब कला केंद्र में मार्च को पंजाबी ट्रिब्यून के पूर्व सीनियर पत्रकार और स्पोक्स मैन पंजाबी अखबार के मौजूदा संपादक संपादक कमलजीत सिंह बनवैत किसी परिचय के मोहताज नहीं है। मां बोली पंजाबी साहित्य को समर्पित और दूरदर्शी सोच के धनी कमलजीत सिंह बनवैत की हाल ही में लिखी पुस्तक  बेबे तू नहीं भूलदी का विमोचन शहर की जानी मानी हस्तियों और सहित या पिपासु शहीद बुद्धिजीवी वर्ग की गरिमामय उपस्थिति में हुआ।।

दीन हीन गरीब बेसहारों का बुरे हालात में हाथ पकड़ने वाला और कलमकार आरके विक्रम शर्मा ने अपनी दिली इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि उनके लिए गौरव और सौभाग्य का विषय होगा अगर उन्हें कमलजीत सिंह बनवैत की पंजाबी भाषा में लिखी पुस्तक  बेबे तू नहीं  भूलदी का हिंदी में अनुवाद करने का मौका मिलता है। बकौल विक्रमा उन्होंने कमलजीत सिंह बनवैत के साथ साहित्यिक प्रेस वार्ताओं में शिरकत करने के कई मर्तबा अवसर पाए हैं सीनियर पत्रकार वन बैक दिल के दिल के साफ पार्क हैं और मिलनसार और एक अच्छे मार्गदर्शक शख्सियत भी हैं पंजाबी पत्रकारिता में कमलजीत सिंह धनबाद अच्छी स्टिक महत्वपूर्ण और अर्थ पूर्ण पत्रकारिता के हस्ताक्षर भी हैं।।।

आरके विक्रमा शर्मा के मुताबिक समाज सेवक डॉक्टर सुभाष भास्कर द्वारा पंजाबी में लिखी गई देश की किसी भी यूनिवर्सिटी के किसी भी वॉइस चांसलर पर पहली पुस्तक “करे नारायण पाठक” का हिंदी अनुवाद ‘ऑल इंडिया रेडियो’ के श्री  के सी  दुबे ने किया था।। आरके विक्रमा शर्मा ने हिंदी अनुवाद की प्रूफ रीडिंग स्वेच्छा से निशुल्क सेवा के रूप में की थी।। डॉक्टर सुभाष भास्कर थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान शिविरों का क्रमवार बड़े स्तर पर आयोजन करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा स्टेट अवार्ड से सम्मानित भी हैं।

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