चंडीगढ़ 14 मार्च अल्फा न्यूज़ इंडिया मनोरंजन डेस्क :-आर.पी. एफ. की एक Division में नये कमाण्डेंट साहब की पोस्टिंग हुई, इंस्पेक्शन के दौरान कमाण्डेंट साहब ने देखा कि, कैम्प एरिया के मैदान में दो सिपाही एक बैंच की पहरेदारी कर रहे हैं,
कमाण्डेंट साहब ने सिपाहियों से बैंच की पहरेदारी का कारण पूछा ?
सिपाही बोले : “हमें पता नहीं सर हमें तो बीएचएम साहब ने बैंच की पहरेदारी करने को कहा था। शिफ्ट के हिसाब से चौबीसों घंटे इस बैंच की पहरेदारी की जाती है। ”
कमाण्डेंट साहब ने बीएचएम साहब से बैंच की पहरेदारी का कारण पूछा । बीएचएम साहब ने कहा सर मुझे पता नहीं लेकिन मुझे एडजुडेंट साहब ने बैंच की गार्ड लगाने को कहा था।
कमाण्डेंट साहब ने एडजुडेंट साहब को बैंच की पहरेदारी का कारण पूछा । एडजुडेंट साहब ने कहा मुझे पता नहीं सर मुझे तो आपसे पहले वाले कमाण्डेंट साहब ने बैंच की गार्ड का आदेश दिया था।
वर्तमान कमाण्डेंट साहब ने पिछ्ले वाले कमाण्डेंट साहब को कॉल किया और उस विशेष बैंच की पहरेदारी की वजह पूछी।
पिछले कमाण्डेंट साहब ने बताया : ” मुझे नहीं पता लेकिन मुझसे पहले की बटालियन वाले कमाण्डेंट साहब उस बैंच की पहरेदारी करवाते थे अतः मैंने भी परंपरा को कायम रखा। ”
नए कमाण्डेंट साहब बहुत हैरान हुए। उन्होंने पिछले के और पिछले-पिछले 3
कमाण्डेंटों से बात की, सबने एक जैसा ही जवाब दिया।
यूँ ही पीछे जाते-जाते नए कमाण्डेंट साहब की बात एक रिटायर्ड कमाण्डेंट से हुई जिनकी उम्र 100 साल थी।
नए कमाण्डेंट साहब उनसे फोन पर बोले : “आपको डिस्टर्ब करने के लिए क्षमा चाहता हूँ सर, मैं यहाँ का नया कमाण्डेंट हूँ जहाँ 60 साल पहले आप कमाण्डेंट हुआ करते थे। मैंने यहाँ दो सिपाहियों को एक बैंच की पहरेदारी करते देखा। क्या आप मुझे इस बैंच के बारे में कुछ जानकारी दे सकते हैं ताकि मैं समझ सकूँ कि, इसकी पहरेदारी क्यों आवश्यक है। ”
साभार व्हाट्सएप यूजर।।
रिटायर्ड कमाण्डेंट साहब ने बमुश्किल याद करते हुआ कहा : ” मैने तो एक बैंच को ऑइल पेन्ट सूखने तक पहरेदारी करने को कहा था । क्या उस बैंच का ऑइल पेन्ट अब तक सूखा नहीं ? 😄