चंडीगढ़/ शिमला :7 मार्च आरके शर्मा विक्रमा :— मैदानी इलाकों में ही नहीं बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों में भी शरद ऋतु तकरीबन अपना बोरिया बिस्तर समेट चुकी थी। मौसम के बदलते तेवरों के मद्देनजर लोगों ने सर्दी में पहनने वाले गर्म कपड़ों को तकरीबन तकरीबन अलविदा बोलते हुए उन्हें अलमारियों संदूक को बक्सों में फोन से नाम शुरू कर दिया था और गर्मी के कपड़े निकाल कर स्कूलों दफ्तरों कार्य स्थलों पर आदि डालकर जाना भी शुरू कर दिया था भले ही शाम की सर्दी अपने पंख फैलाए बैठी थी लेकिन पिताजी सवेरे लोग गर्मियों के कपड़े पहन कर पार्कों में शहर करते नजर आने लगे थे लेकिन अचानक मौसम ने करवट ली और तकरीबन 5 मार्च से इंद्र देवता ने अपनी हाजिरी लगानी शुरू कर दी पारा लूटता गया और सर्दी एक बार फिर लौट आई ।लौट आई सर्दी एक बार फिर लोगों को गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया सर्दी अपने फिर पुराने अंदाज मैं हाजिर है ठंडी बयार चल रही हैं तापमान में गिरावट दर्ज की गई है होली से पहले पहले मौसम बरसात की आगोश में है बुजुर्गों को बच्चों को एक बार फिर रजाइयों के आगोश में सिमटने को मजबूर कर दिया है।। शुक्रवार को भी रह-रहकर बरसात ने अपना दमखम दिखाते हुए सर्दी में इजाफा किया था आज शनिवार को भी बरसात की आंख मिचौली जारी है ।खबर लिखे जाने तक सर्दी के प्रकोप से सूर्य देवता भी बादलों में दुबके रहे।।
शिमला से पत्रकार परिणीता शर्मा क्रेजी न्यूज़ की मुख्य समपादिका की पुष्ट रिपोर्ट मुताबिक “हिमाचल प्रदेश के पुराने और ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में मुख्य पर्यटन स्थलों नारकंडा और मनाली में कल रात से हिमपात हो रहा है, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में रुक-रुक कर हिमपात हो रहा है। जहां मैदानों में गर्मियों ने दस्तक दे दी है। आज ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश हुई।
मनाली के रोहतांग दर्रा, हामटा पास, कोठी, सोलंगनाला में बर्फबारी हुई है। मार्च में एक बार फिर बारिश और बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार केलांग 6.0 सेंटीमीटर, कोठी में 3.0 सेंटीमीटर, गोंदला 5.0 सेंटीमीटर और नारकंडा और खदराला में 3.0 सेटीमीटर सुबह तक हिमपात हुआ। वहीं गोहर में 24.4 मिमी, जोगिंद्रनगर 23.0 मिमी, मनाली 10.5 मिमी, सेओबाग 8.0 मिमी और बिजही में 7.2 मिलीमीटर बारिश हुई”!!
मौसम के बारे में कयासों की झड़ी भी आम लगी हुई है। लोगों का कहना है कि जल्दी ही सूर्य देवता के दर्शन होंगे। और इंद्र को वापस जाना होगा। भले ही पवन देवता अभी मस्ती करते खूब नजर आएंगे ।किसानों के मुताबिक यह बरसात हर हाल में थम जानी चाहिए। ताकि फसलों को अपनी कुर्बानी ना देनी पड़े।। अक्सर देखा गया है कि होली के दिन में कभी कभी हल्की बूंदाबांदी होती रही है। लेकिन पिछले कुछ सालों से होली के मौके पर बरसात होना तो दूर, हल्के काले बादलों की बदरिया भी नहीं छाती रही।। लेकिन शाम ढलते ढलते सूर्य देवता के दर्शन करवा ही गयी। रवि कर की उपस्थिति में पवन देवता की मस्करी ने लोगों को कांपने पर भी बाध्य किए रखा।। शाम के वक्त सार्वजनिक पार्कों में शहर की मार्केट ओं में सेक्टर 22 सेक्टर 19 सेक्टर 15 और शहर के दिल सेक्टर सतारा में और मिले-जुले मौसम का गवाह बनती सुखना लेक पर लोगों की खूब जोशीली भीड़ देखी गई लोगों ने खूब चहल कदमी की गुनगुनाते मौसम का इंजॉय किया और चटपटी चीजों का स्वाद भी लिया शराब के ठेकों की सम्मत शौकीनों की मैराथन दौड़ भी देखी गई।। चाट पापड़ी भेलपुरी मूंग दाल के लड्डू मोमोज गुलाब जामुन और गोलगप्पे आदि के ठेले और रेडियम भले ही सरकारी कायदे कानूनों और वादे और दावे के साथ बिल्कुल हटा दी गई हैं लेकिन आज जैसे बरसात एक बार फिर वापस आई यह सब भी मुख्य जगहों पर उपभोक्ताओं के मुखातिब देखे गए।। और नगर निगम की उड़नदस्ता गाड़ियों में सवार एनफोर्समेंट अफसरों और उनके कर्मचारियों को ठेंगा दिखाते रहे पुलिस की इनके प्रति बेबसी यथावत बनी रहे।।