वंदना याचना क्षमा सब के हैं मूल मंत्र धर्म ग्रंथों में

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चंडीगढ़ : 29 अक्तूबर / अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति :—-

गौरी पुत्र श्री गणेश को , प्रथम करें प्रणाम।

मनोकामना पूरी करें, सिद्ध करें सब के काम।

जय गणेश देवा❣️⚜️

🥀🥀🌹🌹🙏🏻जय श्री गणेश🙏🏻🌹🌹🥀🥀जय श्री गणेशाय नमः🙏🏻🌹🌹🥀🥀पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा, लड्डून का भोग लगे, सन्त करे सेवा🙏🏻🌹🌹🥀🥀🚩🚩⛳⛳

पूजा में हुई गलती पर भगवान से कैसे मांगे क्षमा-याचना?

हिन्दु धर्म के शास्त्रों के अनुसार किसी भी देवी-देवता की पूजा के अंत में क्षमा याचना करने का नियम है। इस संबंध में मान्यता है कि पूजा में हुई जानी-अनजानी गलतियों के लिए हमें भगवान से क्षमा मांगनी चाहिए। शास्त्रों में प्रार्थना, स्नान, ध्यान, भोग के मंत्रों की तरह ही क्षमा याचना के मंत्र भी बताए गए हैं। हम इस धर्म-कर्म को परंपरा और सही विधि से पूरा करने का प्रयास करते हैं, लेकिन जाने-अनजाने हम से कोई न कोई भूल हो ही जाती है। क्षमा याचना इन्हीं गलतियों को सुधारती है। जब हम गलतियों के लिए भगवान से क्षमा मांगते हैं, तभी पूजा पूर्ण मानी जाती है।

क्षमा-याचना का मंत्र –

मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन।

यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे॥

हे भगवान, मैं आपको बुलाना नहीं जानता हूं और न ही विदा करना जानता हूं। पूजा करना भी नहीं जानता। कृपा करें, मुझे क्षमा करें। मुझे न मंत्र याद है और न ही क्रिया। मैं भक्ति करना भी नहीं जानता। फिर भी मेरी समझ के अनुसार पूजा कर रहा हूं, कृपया पूजा में हुई जानी-अनजानी भूल क्षमा करें और इस पूजा को पूर्ण करें।

साभार व्हाट्सएप यूजर।।।।

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