भिखारिन नहीं श्रमिका मां औरों का पेट है पालती

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चंडीगढ़ : 16 सितंबर अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति :–    श्री बाँके बिहारी मंदिर वृंदावन के बाहर पीले रंग की साधारण सी धोती पहने बैठी,लोगों के जूते चप्पलों की  करके 2- 5 रुपये से अपनी गुजर बसर करने वाली ये वृद्ध माता किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं.भगवान श्री कृष्ण के प्रति इनकी भक्ति व प्रेम के हम सभी की पूजा-भक्ति बहुत छोटी प्रतीत होती है.मात्र 20 वर्ष की आयु में विधवा हुई इन माताजी का नाम ही यशोदा है जो कि इस माँ ने सार्थक कर दिया है.इन माताजी ने एक ऐसा महान कार्य किया है जो हम सबके लिए प्रेरणादायक है.क्योंकि इस वृद्ध माँ ने पिछले 30 वर्षों में करीब 5,10,25,50 पैसे इकट्ठा करके, 40 लाख (4000000/-)रुपये की रकम से एक गौशाला व धर्मशाला का निर्माण शुरू करवाया है.कान्हा की इस माँ यशोदा को हम सभी की ओर से सादर नमन है.
वृंदावन बांके बिहारी लाल की… आइये हम सब मिलकर पोस्ट को आगे बढ़ाएं हम सबके शेयर ने पता नहीं कितनो को celebrity बना दिया अब अपनी इस प्यारी माँ को भी वो सम्मान दिलाना है ताकि लोग मईया से प्रेरणा ले सकें… राधे राधे.

कृपया पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कर मईया को बहुत फेमस कर दें ताकि उन लोगों को समझ आ सके जो दिनरात सिर्फ पैसों को पूजते हैं…. साभार व्हाट्सएप।।

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