चंडीगढ़ :6 सितंबर : अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति:– बधाई बधाई बधाई ब्रज बिहारिणी राधा जी की जन्माष्टमी की अल्फा न्यूज इंडिया की ओर से मंगलकामनाएं फलीभूत हों।।
श्री वृषभानकुमारी, ब्रजभामिनी,
रावल की शोभा, बरसाने को श्रृंगार,
श्री नंदनंदन के चित्त को हरने वारी,
करूणासागर भक्तवत्सल प्रभु की स्वामिनी
श्री जी के प्राकट्य उत्सव की खूब खूब मंगल बधाई।
राधा अष्टमी की आप सभी को हार्दिक बधाई।।
!:! #राधाष्टमी !:!
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को #राधाष्टमी मनाई जाती है। तदनुसार इस वर्ष “शुक्रवार 06 सितंबर 2019″ को #राधाष्टमी मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
इस दिन श्रद्धालु ” बरसाना ” की ऊँची पहाड़ी पर स्थित गहवर वन की परिक्रमा करते है। राधा अष्टमी के दिन जगह-जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। मंदिरों को सजाया जाता है तथा मंदिरों में राधा जी की पूजा-अर्चना की जाती है।
#राधाष्टमी कथा
पद्म पुराण के अनुसार #राधारानी जी राजा वृषभानु की पुत्री थीं एवं #राधारानी जी के माता का नाम कीर्ति था। कथानुसार एक बार जब राजा वृषभानु यज्ञ के लिए भूमि की साफ-सफाई कर रहे थे तब उनको भूमि पर कन्या के रूप में राधा जी मिलीं थीं।
इसके बाद राजा वृषभानु कन्या को अपनी पुत्री मानकर लालन-पालन करने लगे। #राधारानी जब बड़ी हुई तो उनका जीवन सर्वप्रथम #श्रीकृष्ण जी के सानिध्य में बीता। किन्तु #राधाजी का विवाह रापाण नामक व्यक्ति के साथ सम्पन्न हुआ था। पुराणों के अनुसार राधा जी #माँलक्ष्मीजी की अवतार थी। जब #श्रीकृष्ण जी द्वापर युग में जन्म लिया तो #माँलक्ष्मीजी भी #राधारानी रूप में प्रकट हुई थी।
#राधाष्टमी महत्व
वेदों, पुराणों एवं शास्त्रों में #राधारानी को #श्रीकृष्ण वल्लभा कहकर गुणगान किया गया है। #राधाष्टमी के कथा श्रवण से व्रती एवम भक्त सुखी, धनी और सर्वगुणसम्पन्न बनता है। #श्रीराधारानी के जाप एवम स्मरण से मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
मान्यता है कि यदि #राधारानी जी का पूजा अथवा स्मरण नही किया जाता है तो भगवान #श्रीकृष्ण जी भी उस भक्त के द्वारा किये गए पूजा, जप-तप को स्वीकार नही करते है। #श्रीराधारानी भगवान #श्रीकृष्ण जी के प्राणों की अधिष्ठात्री देवी मानी गई हैं। अतः #श्रीेकृष्ण जी के साथ #श्रीराधारानी जी का भी पूजा विधि-पूर्वक करना चाहिए।
#राधाष्टमी पूजन
#राधाष्टमी के दिन प्रातः काल उठकर घर की साफ़-सफाई करना चाहिए। स्नान आदि से निवृत होकर शुद्ध मन से व्रत का संकल्प करना चाहिए। तत्पश्चात सर्वप्रथम श्री राधा रानी को पंचामृत से स्नान कराएं, स्नान करने के पश्चात उनका श्रृंगार करें। #श्री राधारानी की प्रतिमूर्ति को स्थापित करें। तदोपरांत श्री राधा रानी और भगवान #श्री कृष्णजी की पूजा धुप-दीप, फल, फूल आदि से करना चाहिए।
आरती-अर्चना करने के पश्चात अंत में भोग लगाना चाहिए। इस दिन निराहार रहकर उपवास करना चाहिए। संध्या-आरती करने के पश्चात फलाहार करना चाहिए। इस प्रकार #राधाअष्टमी की कथा सम्पन्न हुई।
श्री राधे….
जै जै जै श्री राधे राधे राधे….
सुना है लोग उन्हें आँख भर के देखते हैं
चलो हम भी कुछ देर ठहर के देखते हैं
सुना है दिन में उन्हें तितलियाँ सताती हैं
रात में जुगनू ठहर के देखते हैं
सुना है खुद अदाएं उनकी बंदिगी करती हैं
नाज नखरे बेचारे आह भरके देखते हैं
सुना है उनके बदन की तराश कुछ ऐसी है
कि फ़रिश्ते भी उन्हें बन संवर के देखते हैं
सुना है वो बात करते हैं तो फूल से झड़ते हैं
अगर ये बात है तो फिर चलो बात करके देखते हैं*
राधे राधे राधे राधे राधे