बेमौसम के फल खाने मतलब मोत को बुलावा

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चंडीगढ़ : 25 मई :आरके शर्मा विक्रमा प्रस्तुति :—

पथ्य से बड़ा कारगर परहेज है।। हर सीजन में केवल मौसमी फल की खाने चाहिए और मौसमी फल कि अगर मांग बढ़ जाए तो फल की मंडियां भी मजबूर हो जाएंगी आपको सही समय पर सही फल देने के लिए परंतु स्थिति ऐसी अज्ञानमय हो गई है कि सबको सभी फल सभी समय चाहिए। सारे वर्ष एक ही फल खाना चाहते हैं एक जैसे ही फल खाना चाहते हैं जब सारे वर्ष मौसम एक जैसा नहीं रहता तो सारे वर्ष एक जैसे फल और सब्जियां क्यों खाई जाए यह कितना तर्कसंगत है इसको हमें समझना चाहिए।

शादी ब्याह में तो कमाल हो जाता है कोई भी नियम कानून नहीं माने जाते और हम आप भी क्या करें इतने सारे व्यंजन होते हैं सारे एक एक बार चखने भी जरूरी होते हैं।😂 अच्छा भाइयों और बहनों यह जो किस्सा है कि शादी ब्याह में सभी व्यंजन कितने होते हैं गर्म भी खाना है ठंडा भी खाना है जूस मिल रहा है तो जूस भी पीना है।

कोई इस मायाजाल में से निकल नहीं पाया आज तक या तो बहुत ज्यादा बीमार पड़ गया हो तभी वह एक दो या फिर तीन या चार व्यंजनों को खा करके ही खाना समाप्त करके फिर कॉफी पी लेते हैं।

परंतु आज मैं आपको एक ऐसी बात बताने जा रहा हूं जिससे कि शायद आने वाले समय में अगर आप किसी पार्टी में खाना खाएंगे तो आपके खाने में परिवर्तन आएगा दो बातें हैं 🕉🕉पहला तो यह है कि आपके जो पेट है आपका जो अमाशय है उसका साइज करीब आप ही की दो मुटठियों के बराबर हैं ।और इसमें आप कम से कम दो प्लेट भर के खाना खा लेते हैं। हमें खाने को ठीक से बचाने के लिए पेट के अंदर खाने की मात्रा इतनी रखनी चाहिए कि उसमें हवा और पानी की जगह रहे जैसे कि अगर आप मिक्सी के जग को पूरा भर देते हैं तो उसमें चटनी भी पेश नहीं पाती जबकि उसमें तो बिजली 220 वोल्ट पर मोटर को चलाती है और मोटर ब्लेड से अंदर कटाई करना चाहते हैं पर वह ठीक से हिल नहीं पाते हमें इससे कुछ सीखना चाहिए।

दूसरी बात यह है कि हम जो भी कुछ खाते हैं उस सभी चीजों का खून बनता है और वही कौन हमारे शरीर के सारे अंगो की एक एक कोशिका में पहुंच जाता है अगर आप कभी मुझसे मिले तो मैं आपको आपकी उंगली में चलते हुए खून को दिखा सकता हूं और यह भी दिखा सकता हूं कि उस खून में क्या-क्या गंदगी घूम रही है।भाइयों अब यह आपके ऊपर है कि आप अपना खून खीरा टमाटर प्याज शलगम का बनाना चाहते हैं या फिर आम सेब पपीता अनार का खून बनाना चाहते हैं ।

अब आपको सोचना है कि आपको क्या क्या अपनाना है मैदा का नान या तली हुई चीजें, मंचूरियन का खून बना पाओगे??

मुझे उम्मीद है यह बात आपको जाचेगी, समझ आएगी और आप अपने जीवन में बदलाव लाने की कोशिश करें ।

बहुत अरसे से यह सुनते आ रहे हैं कि सावधानी में बचाव है स्वस्थ रहना है तो परहेज कीजिए परंतु इसकी गहरी सच्चाई हमें कोई नहीं बताता और अगर कोई कुछ बताता है तो वह आधी अधूरी होती है जिससे कि हमारा विश्वास उस पर नहीं बन पाता इस वजह से ना हम उसे मानते और ना ही किसी और को सलाह देते हैं हमें हमारी समिति को यह बात समझ में आई कि अगर हम मौसम के फल खाएं तो वह हमारे शरीर में अमृत का काम करेंगे बाकी सब तो पेट भरने का सामान है।

💐💐💐💐💐🕉🕉🕉🕉साभार

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