मुसलमान ही कुरान पाक की नहीं मानते कोई फ़रमान

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मुंबई गाजियाबाद 23 नवंबर 25 अरुण कौशिक दिलीप शुक्ला प्रस्तुति –कुरान पाक में मुसलमान के लिए जो जो फरमान किए गए हैं। उनका मुसलमान ही परवाह नहीं करते हैं। कुरान पाक में इस्लामी मुसलमान को दूसरों की कमाई की और देखना भी गुण हा कहा गया है। पर अधिकतर तो हज यात्रा भी सनातनियों यानी हिंदुओं की खून पसीने की कमाई से मिलने वाले डोनेशन के बलबूते पर करते हैं । आजादी के बाद से भारत में सरकारी सब्सिडी पर हज यात्रियों को मक्का मदीना के दीदार करवाए जाते हैं। सब्सिडी यानी हिंदुओं के टैक्स के धन से मुहैया कराने में सरकारें पक्षपात पूर्ण भूमिका निभाती रही हैं। प्रमाण खुद ही देख लीजिए। अलजामा सफ़िया, जो 100% मुसलमानों के डोनेशन से चलता है, 100% सीटें मुस्लिम छात्रों को देता है। दारुल उलूम देवबंद, जो 100% मुसलमानों के डोनेशन से चलता है, 100% सीटें मुस्लिम छात्रों को देता है। वैष्णो देवी।। मेडिकल इंस्टीट्यूट, जो 100% हिंदुओं के डोनेशन से चलता है, 84% सीटें मुस्लिम छात्रों को देता है। ं यह रहस्योद्घाटन खुद आनंद रंगनाथन ने किया है। सच भी है जिस थाली में खाते हैं उसमें ही छेद इस काफ़िर क़ौम की फितरत है।

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