श्री गीता जयंती तीन दिवसीय महोत्सव श्री गीता धाम में पहली दिसंबर तक

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चंडीगढ़ पंचकूला 16 नवंबर 25 आरके विक्रमा शर्मा रक्षत शर्मा हरीश शर्मा अश्वनी शर्मा करण शर्मा—- हरियाणा हरि विष्णु जी का सर्वप्रिय प्रदेश है। किसी धरती पर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री कृष्ण जी ने श्रीमद्भागवत गीता जी का मोक्षदाई संदेश दिया था। जय संदेश पार्थ और सारथी के बीच का संवाद उपदेश के रूप में अमर है। सारथी यानी जीवन जीने कि कला यानी भागवत गीता और अर्जुन समस्त भौतिक जगत यानी हमारा जीवन। भगवान श्रीकृष्ण भौतिक चराचर जगत के सृजन हार हैं। और स्वयं ही पालनहार हैं और स्वयंही भगवान श्रीकृष्ण जी भौतिक जीवनके संहारक भी हैं। गुरुभक्ति गुरु शक्ति गुरु शिष्य पद्धति गुरुजनों के ज्ञान यज्ञ की कुरुक्षेत्र यानी भौतिक जीवन की यज्ञ शाला है। कुरुक्षेत्र की धरती पर श्री गीता धाम जो कि ब्रह्म सरोवर के समीप और कृष्ण संग्रहालय के बिल्कुल सामने स्थित है। सत्य तथ्य तो यह है कि गीता धाम गीता कुटीर गीता आश्रम आदि श्रृंखला के सृजनकर्ता ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 गुरु गीतानंदजी भिक्षु महाराज ने गीता महोत्सव की नींव रखी थी जो आज अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के रूप में एक महीना भर सरकारी स्तर पर मनाया जाने वाला धार्मिक महोत्सव है। इस गीता महोत्सव में दुनिया के कोने-कोने से धर्म पिपासु सनातन धर्म के आस्थावान हजारों लाखों की तादाद में खिंचे चले आते हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए श्री गीता धाम में तीन दिवसीय यानी 29 नवंबर से पहले दिसंबर तक श्री गीता जयंती महोत्सव का महा आयोजन किया जाएगा। श्री गीता धाम की की मौजूदा संचालिका और ब्रह्मलीन गुरु गीतानंद भिक्षु महाराज की परम स्नेही शिष्या साध्वी माता सुदर्शन भिक्षु महाराज की पावन दिशा-निर्देश अनुसार आयोजित किया जाएगा। अल्फा न्यूज़ इंडिया को यह समस्त जानकारी ब्रह्मलीन गुरु श्री गीतानंद जी महाराज भिक्षु के स्नेही शिष्य सनातन धर्म और समाज उपासक और नर नारायण सेवा संस्थान के भामाशाह व डायमंड अवार्ड प्राप्त कर्ता पंडित रामकृष्ण शर्मा (पंचकूला वाले) ने उपलब्ध करवाई है।

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