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चंडीगढ़ मुम्बई 18 अगस्त 25 आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा पंकज राजपूत अरुण कौशिक प्रस्तुति —– भारतवासियों को जागरूक रहना और रखना समय की प्रबल मांग है।।।ये कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि अमेरिका और उसके पाले हुए भारतीय दलालों की सुनियोजित साजिश है।ऐसा “षड्यंत्र” पहले भी हो चुका है।अब यह दोहराया नहीं, बल्कि तिहराया जा रहा है..क्या भारत में “मोदी” की बिदाई तय है..❓अमेरिका के खिलाफ जाने की सजा इमरान खान जेल में काट रहा है तो शेख हसीना छुपकर रह रही हैं। अब मोदी जी के खिलाफ क्या चल रहा है.. ❓2022 में पाकिस्तान में इमरान ख़ान हटे। चुनाव जीतने के बाद “वोटर फ्रॉड” का ढोल पीटा गया। भीड़ को भड़काया गया।और नतीजा—वो सरकार बैठी जो व्हाइट हाउस के इशारे पर नाचती है। पाकिस्तान का लोकतंत्र बर्बाद, अर्थव्यवस्था गिरवी, और देश का भविष्य अमेरिका की मुट्ठी में।2024 में बांग्लादेश में यही खेल। शेख़ हसीना को हटाया, “वोटर फ्रॉड” का नारा दिया, और अमेरिका के पाले हुए पिट्ठुओं को कुर्सी पर बैठा दिया।परिणाम—देश के फैसले अब ढाका में नहीं,वॉशिंगटन में होते हैं।अब 2025 में भारत की बारी….पप्पू और उसकी भिखारी मंडली, जो चुनाव दर चुनाव जनता से ठुकराई जाती है, वही “वोटर फ्रॉड” का नया राग गा रही है।इनकी औकात इतनी नहीं कि पंचायत चुनाव जीत लें, लेकिन हिम्मत देखिए—अमेरिका के पैरों में बैठकर दिल्ली की सत्ता पर कब्जा करने का सपना देख रहे हैं।अमेरिका को भारत का मजबूत नेतृत्व पसंद नहीं—क्योंकि मोदी जी और भारत झुकते नहीं, बिकते नहीं। इसलिए उसने अपने एजेंटों को एक्टिव किया—NGO, मीडिया के दलाल, और विपक्ष के भूखे भेड़िये….इनका टारगेट है भारत में ‘रेजीम चेंज’। मतलब—देश की चुनी हुई, राष्ट्रवादी सरकार को गिराकर, एक कमजोर, कट्टरपंथियों को खुश करने वाली, और विदेशी टुकड़ों पर पलने वाली सरकार बैठाना।अमेरिका का इतिहास गवाह है—जहां भी उसकी कठपुतली सरकारें बैठीं, वहां खून, गरीबी और अराजकता आई। और भारतीय विपक्ष? ये वो गिद्ध हैं जो देश की लाश पर राजनीति करना चाहते हैं।इन्हें सत्ता चाहिए,चाहे इसके लिए भारत की संप्रभुता बेचनी पड़े,चाहे विदेशी एजेंडा लागू करना पड़े।लोकतंत्र का मतलब अमेरिका की दासी बनना नहीं है। लोकतंत्र का मतलब है—अपने लोगों के भरोसे को निभाना, अपने राष्ट्र के लिए जीना, और हर विदेशी दबाव को ठुकराना।अगर पप्पू और उसके टुकड़े-टुकड़े गैंग की चाल कामयाब हुई, तो भारत का प्रधानमंत्री जनता नहीं चुनेगी, बल्कि व्हाइट हाउस की भूमिका रहेगी।।।भारत माता की सच्चे देशभक्ति सपूत और सशक्त बेटियां और एक बाप की औलाद हमेशा अपने देश के साथ अपने देश के उज्जवल भविष्य के निर्माता नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के साथ खड़े रहेंगे, तो भारत को कोई भी दास नहीं बना सकता है।। भारत एक बार फिर राष्ट्र को साथ लेकर राष्ट्रीयता को निभाते हुए विश्व गुरु के पद पर आसीन होगा। साभार देशभक्त द्वारा प्रेषित।।

