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चंडीगढ़, 28 जुलाई (2025) आरके विक्रमा शर्मा हरीश शर्मा अश्विनी शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति—-सिख विचारकों ने संयुक्त रूप से केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा परिसर, श्री गुरु ग्रंथ साहिब भवन, चंडीगढ़ में एक बयान जारी कर कहा कि सरकार द्वारा अमृतधारी लड़की गुरप्रीत कौर को जयपुर में राजस्थान सिविल जज भर्ती परीक्षा में बैठने से रोकना संविधान का घोर उल्लंघन होने के साथ-साथ सिख अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
सिंह सभा से जुड़े विचारकों ने कहा कि सिखों को ब्रिटिश शासन काल के दौरान लंबे संघर्ष के बाद कृपाण पहनने का अधिकार मिला था। हिंदुत्ववादी नीतियों के प्रभाव में राजस्थान की भाजपा सरकार ने सिख अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया है। इससे पहले भी राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा देने आई एक अमृतधारी लड़की को परीक्षा देने से रोक दिया गया था। राजस्थान सिर्फ पंजाब की सीमा से लगा हुआ क्षेत्र नहीं है, बल्कि इस राज्य में सदियों से बड़ी संख्या में सिख रहते आए हैं। यहां तक कि गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में भी केवल सिख किसान ही रहते हैं।
राजस्थान के भाजपा शासक और सरकारी अधिकारी अच्छी तरह जानते हैं कि कृपाण और अन्य चार ककार अमृतधारी सिखों का अभिन्न अंग हैं। लेकिन बहुलवादी समाज में हिंदुत्व का माहौल बनाने और “वोट बैंक” बनाने के लिए राजस्थान की सरकारी मशीनरी और भाजपा शासक जानबूझकर अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। दूसरी ओर, पंजाब में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए केंद्र की भाजपा सरकार सिखों को खुश करने के लिए लुभावने नारे लगा रही है।
हम राजस्थान के मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि वे सिखों के संवैधानिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए अमृतधारी छात्र को परीक्षा देने से रोकने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक आदेश जारी करें।
यह बयान प्रोफेसर शाम सिंह (अध्यक्ष), पत्रकार जसपाल सिंह सिद्धू, गुरप्रीत सिंह (ग्लोबल सिख काउंसिल), राजविंदर सिंह राही, सुरिंदर सिंह किशनपुरा और अन्य विचारकों द्वारा जारी किया गया।
जारीकर्ता: डॉ. खुशाल सिंह, (महासचिव) केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा (9316107093)

