गुरू पूर्णिमा की बखानी ज्योतिषाचार्य पंडित कृष्ण मेहता की जुबानी

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🌞 चंडीगढ़ 09.07.2025 आरके विक्रमा शर्मा हरीश शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति—-गुरुपूनम के दिन* 🌷➡ *10 जुलाई गुरुवार को गुरुपूनम (गुरुपूर्णिमा) है ।*🙏🏻 *इस दिन सुबह बिस्तर पर तुम प्रार्थना करना : ‘‘हे महान पूर्णिमा ! हे गुरुपूर्णिमा ! अब हम अपनी आवश्यकता की ओर चलेंगे । इस देह की सम्पूर्ण आवश्यकताएँ कभी किसी की पूरी नहीं हुई ।* *संतुष्टि नहीं मिली । अपनी असली आवश्यकता की तरफ हम आज से कदम रख रहे हैं ।*🙏🏻 *उसी समय ध्यान करना । शरीर बिस्तर छोड़े उसके पहले अपने प्रियतम को मिलना । गुरुदेव का मानसिक पूजन करना । वे तुम्हारे मन की दशा देखकर भीतर-ही-भीतर संतुष्ट होकर अपनी अनुभूति की झलक से तुम्हें आलोकित कर देंगे। उनके पास उधार नहीं है, वे तो नगदधर्मा हैं ।* 🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞🌷 *इसलिए जरूरी है जीवन में गुरु का होना* 🌷🙏🏻 *हिंदू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा गुरु भक्ति को समर्पित गुरु पूर्णिमा का पवित्र दिन भी है। भारतीय सनातन संस्कृति में गुरु को सर्वोपरि माना है। वास्तव में यह दिन गुरु के रूप में ज्ञान की पूजा का है। गुरु का जीवन में उतना ही महत्व है, जितना माता-पिता का।*🙏🏻 *माता-पिता के कारण इस संसार में हमारा अस्तित्व होता है। किंतु जन्म के बाद एक सद्गुरु ही व्यक्ति को ज्ञान और अनुशासन का ऐसा महत्व सिखाता है, जिससे व्यक्ति अपने सतकर्मों और सद्विचारों से जीवन के साथ-साथ मृत्यु के बाद भी अमर हो जाता है। यह अमरत्व गुरु ही दे सकता है। सद्गुरु ने ही भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बना दिया, इसलिए गुरु पूर्णिमा को अनुशासन पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।*🙏🏻 *इस प्रकार व्यक्ति के चरित्र और व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास गुरु ही करता है। जिससे जीवन की कठिन राह को आसान हो जाती है। सार यह है कि गुरु शिष्य के बुरे गुणों को नष्ट कर उसके चरित्र, व्यवहार और जीवन को ऐसे सद्गुणों से भर देता है। जिससे शिष्य का जीवन संसार के लिए एक आदर्श बन जाता है। ऐसे गुरु को ही साक्षात ईश्वर कहा गया है इसलिए जीवन में गुरु का होना जरूरी है।* 🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞🙏🏻🌷🌻🌹🍀🌺🌸🍁💐🙏🏻

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