लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 35 हिंदू ग्रामीणों को उनका धर्म पूछ कर जब गोलियों से भून डाला

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चंडीगढ़ जेएंडके 30 अप्रैल 2025 आर विक्रमा शर्मा मोहित जामवाल —–याद करो 19 साल पहले आज ही का दिन, 30 अप्रैल 2006 को डोडा और उधमपुर में कश्मीरी हिंदुओं का गोलियां मारकर निर्ममता पूर्वक सामूहिक नरसंहार किया गया था।। जम्मू और कश्मीर के डोडा और उधमपुर जिलों में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने दो अलग-अलग हमलों में 35 हिंदू ग्रामीणों को उनका धर्म पूछ कर मार डाला था। जिनमें डोडा के थावा गाँव में 22 हिंदुओं को गोली मार दी गई थी। डोडा हमला: थावा गाँव में 10-12 आतंकवादी, जो भारतीय सेना की वर्दी पहने हुए थे, ने 22 निहत्थे हिंदू ग्रामीणों, जिनमें ज्यादातर चरवाहे और उनके परिवार थे, को लाइन में खड़ा करके गोली मार दी थी। इसमें एक 3 साल की बच्ची को भी गोलियां मारी गई थीं। उधमपुर हमला: लालोन गल्ला गाँव में 13 हिंदू चरवाहों को आतंकवादियों ने अपहरण करके गोली से मार डाला। इस घटना ने हिंदू समुदाय में भय फैलाया और कई परिवारों ने डर के मारे अपने गाँव छोड़ दिए। कोटि कोटि नमन वीर बलिदानियो को।# कहते हैं कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। तो ठीक 19 साल बाद श्रीनगर पहलगाम में धर्म पूछ पूछ कर 26 हिंदुओं को बेरहमी से सर में और सीने में गोलियां मार कर कत्ल कर डाला गया। इस घटना पर पूरी दुनिया स्तब्ध है। पहलगाम घाटी में यह सभी लोग बतौर टूरिस्ट अपने घर परिवारोंके साथ जिंदगी के कुछ लम्हों को अपनों के साथ यादगार बनाने आए थे। बदकिस्मती आलम देखिए की कुरान पाक को मरने वालों ने कुरान पाक की ही मानते हुए निहत्थे निर्दोष 26 हिंदुओं को मौतके घाट उतार दिया। इनके साथ ही एक युवा खच्चर चलने वाला भी मौत के घाट उतार दिया गया था। हालांकि इसकी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है जेहादी हत्यारे घाटी में कई टूरिस्टों को दो दिन पहले ही खच्चर घोड़े वालों के साथ दिखाई दिए। कई माताओं की पूरी दुनिया ही लुट गई। कई बहनों के भाई तो कई अर्धांगिनियों के पति निर्ममता पूर्वक मारे गए। कई बच्चों के सर पर से पिता का साया ही उठ गया। उनका दोष इतना था कि वह हिंदू माता-पिता के बच्चे थे। और सभी मरने वाले हिंदू पर्यटकों के सिवा कुछ ना थे।

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