डू यू नो !?! आधार कार्ड पहचान व निवास का प्रमाण है लेकिन नागरिकता का नहीं

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नई दिल्लीः01-05-25 अल्फा न्यूज़ इंडिया प्रस्तुति — जेएंडके में पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर गोलियां दनादन के खूनी हमले के बाद पाकिस्तान नागरिकों के जांच के बाद देश से बाहर का रास्ता दिखाया गया। इसके बाद भारत सरकार ने कहा है कि आधार, पैन, राशन कार्ड भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं है। ये केवल प्रशासनिक संबंधी आपकी जरूरतों को पूरा करते हैं। इसके अलावा सरकार ने ये भी बताया है कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एकमात्र दस्तावेज जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार कार्ड को पहचान और निवास का प्रमाण मानता है। लेकिन नागरिकता का नहीं। यही बात पैन और राशन कार्ड पर भी निर्धारित होती है। पैन कार्ड कर बोले तो टैक्स उद्देश्यों के लिए काम आते हैं और राशन कार्ड का उपयोग खाद्य वितरण के लिए किया जाता है। जिनमें से कोई भी नागरिकता की पुष्टि नहीं करता है। सरकार जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र को भारतीय नागरिकता को दर्शाने वाला दस्तावेज़ मानती है। जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र अधिनियम, 1969, सक्षम अधिकारियों को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की क्षमता प्रदान करता है, जो भारत के भीतर जन्म के दावों के आधार पर नागरिकता को मान्य करता है। वहीं निवास प्रमाण पत्र की बात करें तो यह प्रमाणित करता है कि कोई व्यक्ति किसी विशिष्ट राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में निवास कर चुका है, जो भारतीय नागरिकता रखने के दावों को और पुष्ट करता है। इसके साथ ही सरकारी नौकरी, पासपोर्ट, या अदालत में नागरिकता का प्रमाण अनिवार्य है। जिस तरह का माहौल इस वक्त देश में चल रहा है। सभी भारतीय मूल्य नागरिकों को अपनी नागरिकता की पहचान पत्र बर्थ सर्टिफिकेट डोमिसाइल सर्टिफिकेट अपनेपास सुरक्षित रखना होंगे।

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