अक्षय तृतीया, आखा तीज, त्रेता युगादि तिथि- ज्योतिष आचार्य पंडित कृष्ण मेहता

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चंडीगढ़ 🕉️ 30 अप्रैल 2025 आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा हरीश शर्मा —- आज बुधवार को अक्षय तृतीया है ।🌹 ‘अक्षय’ शब्द का मतलब है – जिसका क्षय या नाश न हो.. इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं.. भविष्य पुराण, मत्स्य पुराण, पद्म पुराण, विष्णु धर्मोत्तर पुराण, स्कन्द पुराण में इस तिथि का विशेष उल्लेख है.. इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका बड़ा ही श्रेष्ठ फल मिलता है.. इस दिन सभी देवताओं व पित्तरों का पूजन किया जाता है, पित्तरों का श्राद्ध कर धर्म घट दान किए जाने का उल्लेख शास्त्रों में है.. वैशाख मास भगवान विष्णु को अतिप्रिय है अतः विशेषतः विष्णु जी की पूजा करें ।**🌹 स्कन्द पुराण के अनुसार, जो मनुष्य अक्षय तृतीया को सूर्योदय काल में प्रातः स्नान करते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करके कथा सुनते हैं, वे मोक्ष के भागी होते हैं.. जो उस दिन मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए दान करते हैं, उनका वह पुण्य कर्म भगवान की आज्ञा से अक्षय फल देता है ।**🌹 भविष्य पुराण के मध्यम पर्व में कहा गया है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया में गंगा जी में स्नान करने वाला सब पापों से मुक्त हो जाता है.. वैशाख मास की तृतीया स्वाती नक्षत्र और माघ की तृतीया रोहिणी युक्त हो तथा आश्विन तृतीया वृष राशि से युक्त हो तो उसमें जो भी दान दिया जाता है, वह अक्षय होता है.. विशेष रूप से इनमें हविष्यान्न एवं मोदक देने से अधिक लाभ होता है तथा गुड़ और कर्पूर से युक्त जल दान करने वाले की विद्वान् पुरुष अधिक प्रंशसा करते हैं, वह मनुष्य ब्रह्म लोक में पूजित होता है.. यदि बुधवार और श्रवण से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करने से अनंत फल प्राप्त होता हैं ।**अस्यां तिथौ क्षयमुर्पति हुतं न दत्तं ।* *तेनाक्षयेति कथिता मुनिभिस्तृतीया ।**उद्दिश्य दैवतपितृन्क्रियते मनुष्यै: ।* *तत् च अक्षयं भवति भारत सर्वमेव ।।*➡️ *अर्थात – भगवान श्री कृष्ण युधिष्ठर से कहते हैं.. हे राजन इस तिथि पर किए गए दान व हवन का क्षय नहीं होता है, इसलिए हमारे ऋषि मुनियों ने इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहा है.. इस तिथि पर भगवान की कृपा दृष्टि पाने एवं पितरों की गति के लिए की गई विधियां अक्षय अविनाशी होती हैं ।**🪷🪷 विघ्न-बाधाओं व दुर्घटना से बचने का उपाय -**🌹 महामृत्युंजय मंत्र -**ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।**उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।**🌹 रोज सुबह उठने पर अथवा घर से बाहर जाते समय एक बार इस मंत्र का जप कर लें तो विघ्न बाधा रहित, दुर्घटना रहित गाड़ी अपने रास्ते सफर करती रहेगी.. और जीवन की शाम होने से पहले रोज उस त्र्यम्बक (परमात्मा) में थोड़ी देर शांत रहा करो ।*🙏🌹🌷💐🌹🌷💐🌹🙏

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