नागपंचमी के मौके श्रद्धालुओं ने नागों को दुग्धपान कराया, मांगी मुरादें

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चंडीगढ़ /पंचकूला ; 7 अगस्त ; करन शर्मा /आरके शर्मा /मोनिका शर्मा ;—–आज सावन मास के पावन नागपंचमी को ट्राइसिटी के मन्दिरों में अति उत्साह और आस्था से मनाये  जाने के धर्मावत समाचार मिल रहे हैं ! ट्राइसिटी के स्वयंमभू प्रकट शिवलिंगों के प्राचीन मन्दिरों जैसे बाबा महादेव सकेतड़ी मन्दिर सेक्टर 24 स्थित प्राचीन शिव मन्दिर और माता जयंती देवी शिव मन्दिर सहित सोहाना के प्राचीन शिव मन्दिर और ऐतिहासिक कस्बे बुड़ैल के सिद्ध बाबा घनेरी मन्दिर में बड़ी तड़के से ही श्रद्धालुओं की जलाभिषेक के लिए लम्बी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं ! जोकि खबर लिखे जाने तक अबाध रूप से जारी हैं ! एक अनुमान के अनुसार सैंकड़ों कुन्तल दूध और सैंकड़ों कुंतल बेल पत्र फल और एक धतूरा सहित शिव बाबा के प्रिय फल फूल जनेऊ चन्दन धुप घृत ज्योति आदि की बिक्री जारी है ! कच्ची दूध लस्सी का जल शिवलिंग पर अर्पित किया गया ! विविध प्रकार से नागों की मूर्तियां बना कर पूजा अर्चन किये जा रहे हैं ! शिवालय शिव मन्दिरों में बम बम भोले के जयकारों से वातावरण खूब गुंजायमान हैं !नागपंचमी के अवसर पर नाग को दूध पिलाने की पुरातन परम्परा के निर्वहन हेतु नाग के सपेरों के डेरे जा जा कर नागों को 
दूध पिलाया गया और सपेरों को दान दक्षिणा भी भेंट की गई ! उज्जैन के ज्योतिष प्रकांड पण्डित आचार्य भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि इस दिन उपवास का भी विशेष महत्व है ! निराहार रहते हुए नाग पूजन से पूर्व शिवलिंग जलाभिषेक अनिवार्य रहता है ! आज मांगी गई हर मन्नत मुराद पूर्ण होती है ! और तो और इसी बहाने आज देश भर में लाखों लोगों को रोजीरोटी का बेहतरीन जुगाड़ करने का अवसर मिलता है ! जयंती देवी शिव मन्दिर के बारे में पण्डित दीपांशु शर्मा ने बताया कि आसपास के अनेकों गांवों सहित न्यू और ओल्ड चंडीगढ़ से आस्थावानों ने आकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हुए नाग की प्रतिमा की पूजा अर्चना की और यथाशक्ति दान किये ! नाग भक्तों ने समीपवर्ती नदी से जल लेकर नाग प्रतिमा  का पूजा अर्चन किया ! नाग से सम्बन्धित प्रिय फूल फल दूध अर्पित किये गये ! 

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