मुनिश्री ऋषि साधुसंत तपस्वी समाज और देश की भलाई के लिए कठिन तप तपस्या ध्यान मग्न रहते हैं :-दिगंबर हरिवंश गिरि

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चंडीगढ़ प्रयागराज 11 जनवरी 2025 आरके विक्रमा शर्मा+दिलीप शुक्ला /अनिल शारदा/ हरीश शर्मा/ बीरबल शर्मा प्रस्तुति—प्रयागराज महाकुंभ की नगरी सज चुकी है 14 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की अनुमानित संख्या बताई जा रही है!! विश्व स्तरीय इंतजाम के लिए लोग उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाह वाही कर रहे हैं। प्रयागराज महाकुंभ के प्रांगण में दूर-दराज से नाना प्रकार की भक्ति में मग्न साधु बाबा महाकुंभ स्नान का लाभ उठाते हैं। इसी के चलते महाकुंभ नगरी में साधु महात्मा मुनि ध्यानी ज्ञानी अघोरी सब पहुंच रहे हैं। और अपने-अपने धूने जमा रहे हैं। विदेशियों देशियों में बाबाओं के दर्शन और उनकी चमत्कारिक शक्तियों को लेकर कौतूहल बना हुआ है। अनेकों विदेशी यहां आकर सनातन धर्म अपनाने का संकल्प पूरा कर रहे हैं। और जाने-माने अखाड़े के महामंडलेश्वरों से नाम जप सिमरन स्मरण और बीज मंत्र मूल मंत्र की भिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। यही सनातन की आदि अनादि काल से चली आ रही परंपरा अनंत समय तक चलती रहेगी। प्रयागराज महाकुंभ में एक विचित्रता लिए साधु बाबा का दर्शन करने दुनिया पहुंच रही है। बाबा का नाम है दिगंबर हरिवंश गिरि। बाबाजी अपना एक हाथ ऊपर हवा में उठा रखा है। पिछले 5 सालों से अपना हाथ ऊपर हवा में ही उठाया हुआ है। कुल 12 साल हाथ उठाए रखने की भागीरथी प्रतिज्ञा कर ली है। हाथ उठाए हुए अभी 5 साल पूरे हुए हैं। बाबा का मानना है कि ऐसी प्रतिज्ञा से भगवान प्रसन्न होकर उनके सनातनी देश भारत को भारत वासियों को और चराचर जगत को अपना आशीर्वाद देंगे। और सब ओर अनंत विकास भाईचारा और सुख शांति सुरक्षा स्थापित होगी। वह चाहते हैं कि नेताओं को संतरियों मंत्रियों को अफसर को सभी लोगों को भगवान बल बुद्धि और विवेक प्रदान करें। सबको भगवान निरोग काया का आशीर्वाद रखें। यही साधु समाज की अपने देशवासियों के प्रति अडिग भक्ति होती है। साधु महात्मा किसी से कुछ लेते नहीं है। वह तो देने का काम करते हैं। वह भी भगवान जो उनको देता है समाज को अर्पित कर देते हैं। यही सनातन परंपरा का मूल मंत्र है।।

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