
चंडीगढ़ 08.01.2025- प्रस्तुति–*यह पाकिस्तान मूल की अमरीकी नागरिक आफिया सिद्दीक हैं। मैस्साचुएट्स् इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीज (MIT) से ग्रेजुएट और ब्रांडिस विश्वविद्यालय से न्यूरोसाइंस में पीएचडी हैं।*
*अमरीकी करदाताओं के पैसों से उच्चतम शिक्षा तो प्राप्त की लेकिन मानव नहीं बन सकी। कुरान और हदीस की मानवता से घृणाजनक शिक्षाओं को यह सृष्टा का आदेश मान बैठी। फटने, काटने की शिक्षा देने के लिए वैश्विक स्तर पर बदनाम देवबन्दी फिरके से हैं ये। मानवता से नफरत के चलते अपनी करतूतों के कारण वहां की अदालत ने इन्हें 86 वर्ष की जेल की सजा सुनाई है।*
*जितना ज्यादा शिक्षित मुसलमान…. उतना बड़ा जिहादी…*
*लेकिन……*
*_अमरीकी न्यायतंत्र में जजों का चुनाव भारत की तरह पुश्तैनी आधार पर नहीं होता। और ना ही भारत की तरह वहाँ सबसे मोटी फीस वसूलने वाले वकील की सबसे पहले सुनवाई होती है। जो नियम कानून हैं वे सब पर एक समान लागू हैं। ना बाप देखकर जज बनाया जाता है ना फीस देखकर सुनवाई।_*