डेंगू व् चिकगुनिया, मलेरिया के मच्छर हैं अलग आकर प्रकार के, रहो सावधान

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डेंगू व् चिकगुनिया, मलेरिया के मच्छर हैं अलग आकर प्रकार के, रहो  सावधान

चड़ीगढ़ ;–[एएनआई ] ;  आरके विक्रमा शर्मा ;  यहाँ वहां बुखार अपना तांडव नाच रहा है और यहाँ तक कि झोला छाप डॉक्टर भी दोनों हाथ से चांदी कूट रहा है ! पर बुखार कौन सा है इसकी जांच परख हर किसी तो क्या अनेकों बड़ी डिग्री वाले डॉक्टरों तक को भी है जरूरी नहीं ! मलेरिया के बाद सब से भयानक बुखार बनकर डेंगू  ही उभरा था फिर चिकगुनिया ने भी डुगडुगी बजाई ! डेंगू ने आज तक कितने लोगों को अपने क्रूर पंजे से मौत का शिकार बनाया आकड़ें भी शरमा जाएँ !
                                          विभिन्न  बुखार के अलग 2 मच्छरों के बारे बुनियादी जानकारी देते हुए सेक्टर 20 की डिस्पेंसरी के प्रभारी डॉ जेपी बंसल ने बताया कि मलेरिया व् डेंगू सहित चिकगुनिया सब के मच्छर अलग आकर व् प्रकार के होते हैं ! घरों में पलने वाले मच्छर  आम तौर पर सुस्त  हैं तो डेंगू के मच्छर मुस्तैद और चंचल कि चुस्त प्रवृति के होते हैं ! ये अपनी ब्रीडिन्ग्स एक जगह न करके कई जगह करते हैं ताकि सभी निरस्त और नष्ट न हों ! ये डेंगू मच्छर एक बार बाइटिंग के बाद तकरीबन 24 घण्टे तक रेस्ट करेगा जो रक्त लिया होगा उससे नए  अंडे पोषित करता है ! यानि सेकिंड बाइट अगले 24 घण्टे के बाद ही करने लायक होगा !
                                     सेक्टर 28 स्थित आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के प्रभारी डॉ राजेश कपिला ने डेंगू मच्छर के बारे में पब्लिक को जानकारी में इजाफा करते हुए बताया कि डेंगू मच्छर साफ़ पानी में पनपता है और सवेरे के वक़्त बाइटिंग के चांसिज अधिक प्रबल रहते हैं ! काटने के एक डेढ़  हफ्ते बाद जॉइंट्स पैन और हल्का बुखार महसूस होगा ! तुरन्त अच्छे डॉ से  मशविरा लें और दवाई का पूरा कोर्स करें ! पपीता कीवी फल और विशेष करके तुलसी अदरक काली मिर्च के दाने का काढ़ा नियमित पियें !
गाँव मौली जागरां स्थित आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के प्रभारी डॉ अरुण कपिला ने उक्त बुखारों के लिए अधिक

सतर्क रहने पर जोर दिया ! डॉ अरुण कपिला के अनुसार हो सके तो दिन में दो बार अच्छा पसीना जरूर लें ! कूलर व् ऐ सी सहित पंखे की हवा का परहेज करें ! कोशिश करें पेय सूप जूस जरूर लेते रहें ! भूखे पेट मत रहें !  
                           सेक्टर 45 स्थित बड़ी डिस्पेंसरी की डॉ नवनीत कौर के मुताबिक कूलरों में लोग जमा पानी रखते बेशक यूज नहीं करते पर डेंगू मच्छर  पनपते व् पलते हैं ! इन मच्छरों की पहचान आम मच्छरों से अलग होती है ! इनकी बॉडी व् टांगों पर  काली व् सफेद धारियां बनी रहती हैं जोकि दूसरे मच्छरों से इनको अलग करती हैं ! ये स्पीड में मुस्तैदी से विचरण करते हैं और ज्यादा उचाईं में उड़ने से बचते हुए घुटनों के निचले भाग पर ही  बाइट करते हैं ! सो  उक्त सीजन में पुरे बाजू के कमीज और फूल पेंट यूज करें तन को अधिकतर ढक कर रखें ! घर में मच्छर भगाने के लिए आल आउट और नीम के तेल का दीया  जलाएं ! सोते हुए बाजू पर सरसों का असली तेल मालिश करें ! घर में छत पर जमा पानी को तुरन्त हटाएँ और डीजल या मिटटी के तेल के छीटें लगाएं ! उपचार न मिलने की दशा में 10 से 50 % मरीज जीवन से हाथ धो बैठते हैं सो सावधानी ही बचाव है !
                          मलेरिया विभाग के सक्रिय कर्मचारी सतीश कुमार और जसबन्त सिंह ने सनराइज मुहल्ला सेक्टर 45 ऐ में लोगों को आगाह किया कि कैसे पानी जमा न होने दें ! सफाई कैसे रखें, और डेंगू मच्छर  के बारे में बुनियादी जरूरी जानकारी सांझी की ! सतीश कुमार ने बताया कि ये मच्छर जहाँ पनपता है वहां से एक बार में  ही   एक से डेढ़ किलोमीटर्स तक उड़ान भर सकता है ! वातावरण की सफाई ही फ़ैल रहे बुखारों से निजात दिलवा सकती है ! समाज और मानवीय सेवा में अल्फा न्यूज़ इंडिया हर कदम आगे भी और साथ भी है ! डेंगू मच्छर सम्बन्धी कोई जानकारी या समस्या के लिए मलेरिया विभाग  ऑफिशल्स सतीश कुमार 9417852733 व् जसबन्त सिंह 9888998778 और अल्फा न्यूज़ इंडिया 9463986540 पर 24×7 सम्पर्क करें ! 

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