कुरुक्षेत्र ; 1 सितम्बर ; राकेश शर्मा /आरके विक्रमा शर्मा ;—-उपायुक्ता सुमेधा कटारिया ने आज कुरुक्षेत्र को खुले से शौचमुक्त जिला बनाने के लिए सभी अधिकारियों को अपना पद भूलकर गांवों और शहरों में काम करने का आह्वान किया । सभी अधिकारी अपने-अपने अधीनस्थ क्षेत्र को जल्द से जल्द खुले से शौचमुक्त बनाने का काम करेंगे। इसके लिए प्रथम चरण में 201 गांवों की जिम्मेवारी अधिकारियों को सौंप दी हैं।
उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने आज राजकीय सीनियर सैंकेडरी स्कूल के सभागार में डीआरडीए की तरफ खुले में शौचमुक्त अभियान को लेकर आयोजित जिला के तमाम अधिकारियों और स्कूलों के प्रिंसीपल के प्रशिक्षण शिविर में बोल रही थी। उन्होंने अधिकारियो और श्क्षिकों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी व शिक्षक खुले से शौचमुक्त जिला बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अगर सभी शिक्षक अपनी-अपनी पाठशाला में बच्चों को खुले से शौचमुक्त जिला बनाने का पाठ पढ़ाऐंगे तो इस लक्ष्य को बहुत तेजी के साथ हासिल किया जा सकता हैं। जब शिक्षक बच्चों को खुले में शौच करने के गुण और दोष व लाभ व हानियों की जानकारी देंगे तो एक-एक बच्चा अपने परिवार के कई सदस्यों को जागरुक करने का काम कर सकता हैं। बच्चों के माध्यम से स्वच्छता अभियान की क्रांति लाई जा सकती हैं।
उन्होंने कहा कि 2 अप्रैल 2008 में कुरुक्षेत्र के गांवों को निर्मल बनाने का अभियान शुरु किया था,! इस अभियान के तहत 303 गांवों को निर्मल गांव बनाया गया था। यह सभी गांव खुले से शौचमुक्त बनाए गए थे ! लेकिन लोगों की मानसिकता में बदलाव न आने के कारण आज स्थिति और अधिक खराब हो गई हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले के 89 गांव ही अब खुले से शौचमुक्त बताए जा रहे हैं। लेकिन हकीकत इससे भी परे हैं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को एक बार फिर पहले कदम से ही यानी एक-एक गांव को शौचमुक्त बनाने के लिए कार्य करना होगा। अगर एक भी गांव छुट गया तो खुले से शौचमुक्त करने का सुरक्षा चक्र टूट जाएगा। इसलिए सभी को केवल एकमात्र लक्ष्य लेकर कार्य करना होगा। इस लक्ष्य पर पूरी तरह फोकस करने के लिए पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करना होगा। इस लक्ष्य को 40 दिन के अंदर पूरा करने की योजना के अंतर्गत काम करना होगा। सभी को एक मकसद-एक अर्थ पूरे जनून के साथ कार्य करना होगा, अगर एक-एक अधिकारी जनून के साथ आगे बढ़ाऐगा तो निश्चित ही यह कारवां लम्बा होता जाएगा। उन्होंने कहा कि खुले से शौचमुक्त कार्य करना किसी देशभक्ति से कम नहीं हैं। सभी अधिकारी खुले में शौचमुक्त जिला बनाने के लिए पहले लोगों को भाईचारे से समझाएंगे, नहीं माने तो शर्मिंदा करेंगे अगर फिर भी नहीं माने तो बायकाट भी करने से गुरेज नहीं करेंगे।
उपायुक्त ने कहा कि सभी संकल्प और समर्पित भाव से इस कार्य में जुट जाएंगे। लोगों को जागरुक करने के लिए 104 मोटिवेटर की 10 टीमें तैयार की जा रही हैं। अतिरिक्त उपायुक्त धर्मवीर सिंह ने शहर और गांवों के लोगों से अपील करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्रखुले से शौचमुक्त करने के लिए प्रशासन का सहयोग दें। जब जिले का प्रत्येक नागरिक अपने घरों के शौचालयों को प्रयोग करेगा और बाहर खुले में शौच न करने का संकल्प लेगा तो निश्चित ही लक्ष्य की प्र्राप्ति होगी। इस कार्यशाला में फीडबैक फांउडेशन के अधिकारी डा. अजय सिन्हा, जिला परियोजना अधिकारी भूषण पाल, नीरज आदि ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर एसडीएम नरेन्द्र पाल मलिक, एसडीएम हवा सिंह सहित जिले के तमाम अधिकारी मौजूद थे।