चंडीगढ़ 14 दिसंबर हरीश शर्मा अनिल शारदा — चंडीगढ़ प्रशासन की कई मायने में जानी-मानी प्रिंटिंग प्रेस यानी गवर्नमेंट प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी डिपार्मेंट यु टी चडीगढ़ को वर्ष 2019 में अज्ञात कर्म के चलते अचानक बंद कर दिया गया था। ऐसा भी बिल्कुल नहीं था कि प्रिंटिंग प्रेस किसी घाटे में चल रही थी। आज इसी तर्ज पर चंडीगढ़ प्रशासनके बिजली विभाग को भी प्राइवेट हाथों में सौंप दिया गया है। प्रशासनके मुनाफे में चलने वाले विभागों में बिजली विभाग का अग्रणी भूमिका है। प्रशासन अभी तक इसको प्राइवेट हाथों में सौंपने के लिए मुख्य बुनियादी कारणों का खुलासा नहीं कर पा रहा है। यहां यह बात भी स्पष्ट कर दें की सरकारी कर्मियों के खिलाफ भाजपा की लहर ने इस बार चंडीगढ़ संसदीय सीट कांग्रेस आई के पाले में डाल दी है। कड़वा सत्य यह है कि भारतीय जनता पार्टी इंटर स्टेट ट्रांसफर पालिसी लागू करने का नुकसान भी लोकसभा चुनाव और फिर नगर निगम के चुनाव में मेयर चुनाव में नुकसान उठा चुकी है। शहर की जनता बिजली विभाग के साथ डटकर खड़ी है और प्राइवेट स्टेशन का डटकर विरोध कर रही है सारा विपक्ष सड़कों पर बिजली विभाग के साथ खड़ा है इसीक्रम में कांग्रेस आई के कार्यकर्ताओं ने जनता के साथ कांग्रेसी अध्यक्ष एच एस लक्की के नेतृत्व में गवर्नर हाउस के सम्मत कूच किया। चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें रोकने का असफल प्रयास किया कांग्रेसियों ने डटकर अपनी गिरफ्तारियां दी और चंडीगढ़ प्रशासन तानाशाही व्यवहार का विरोध दर्ज करवाया। इस मौके पर कांग्रेसी के प्रदेश सचिव नरेंद्र चौधरी ने अल्फा न्यूज़ इंडिया को बताया कि कांग्रेस बिजली विभाग के कर्मियों का साथ हर सूरते हाल देती रहेगी क्योंकि यह एक विभागके निजीकरण का मामला ही नहीं है बल्कि उपभोक्ताओंको उनके अधिकारों से भी वंचित करना है या तो प्रशासन बताएं कि निजी करण केबाद डोमेस्टिक और कमर्शियल बिजली दरें क्या निर्धारित की जाएगी और सबसे अहम मुद्दा है की बिजली विभागके रेगुलर कर्मचारियों के साथ नौकरी की नियम और शर्तें क्या लागू रहेंगे कर्मचारीयों को कैसे प्रशासन और निजी कंपनी अपने विश्वास में रखेंगे। या युटी प्रेस के कर्मचारियों की तरह ही बिजली विभाग के रेगुलर कर्मचारियों को प्रशासन के दूसरे अन्य डिपार्टमेंट में मर्ज किया जाएगा।