चंडीगढ़ 28 नवंबर– आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा — जीवन उसी का नाम जो आए दूसरों के काम लेकिन वह जिंदगी भी क्या जिंदगी जिसमें अपने लिए ही कुछ नहीं है तो फिर दूसरों के लिए क्या होगा, उसे जिंदगी के पास!! फिर यह भी कड़वा सच है कि अपने लिए जीए तो जानवर और आप में भेद ही कहां रहा।