बिहारी कोकिला शारदा सिन्हा जी के प्राण पंख पखेरू उड़ गए

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चंडीगढ़ 05 नवंबर आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति — कला जगत खास करके गायन के क्षेत्र में इस वक्त शोक की लहर व्याप्त है। बिहार की कोकिला या बिहार की लता मंगेशकर शारदा सिन्हा का जन्म: 1 अक्टूबर 1952, सुपौल जिले का हुलसा में हुआ था। और शिक्षा: बीएड, यूपी से म्यूजिक में स्नातकोत्तर किया। इनके पिता सुखदेव ठाकुर (शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अधिकारी) थे।तो पति स्वर्गीय ब्रजकिशोर सिन्हा और बच्चे अंशुमन सिन्हा बेटा तो बेटी वंदना है। शारदा सिन्हा जी ने 1974 में पहली बार भोजपुरी गीत गाना शुरू किया।1978 में पहली बार ‘उग हो सूरज देव…’ गाना रिकॉर्ड किया।1989 में ‘कहे तोहसे सजना ये तोहरी सजानियां… गाने से बॉलीवुड में एंट्री ली। लोकप्रियता के क्षितिज पर छाई तो फिर पीछे मुड़कर देखने की फुर्सत नहीं मिली। जिला समस्तीपुर वीमेन कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर अध्यापन का काम किया।छठ, विवाह, मुंडन, जनेऊ, विदाई, श्रद्धांजलि हर मौके पर साफ सुथरे नाना प्रकार के गीत गाए हैं। उनके देहावसान पर कला जगत में खासकर गायन के क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है। अल्फा न्यूज़ इंडिया की ओर से आरके विक्रमा शर्मा के माध्यम से बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा जी के देहावसान पर हार्दिक शोक संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ सांझी की हैं।

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